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भाजपा नेता को हथकड़ी लगाने के मामले ने पकड़ा तूल

जहानाबाद : आचार संहिता के एक मामले में भाजपा नेता शशिरंजन को हथकड़ी लगाकर जेल भेजना नगर थानेदार को महंगा पड़ गया है. दरअसल भाजपा नेता जहानाबाद सांसद व समर्थकों के खिलाफ थाने में एक मामला दर्ज कराने पहुंचे थे. उसी दौरान पुलिस को गोपनीय सूत्रों से पता चला कि उक्त नेता पहले से ही […]

जहानाबाद : आचार संहिता के एक मामले में भाजपा नेता शशिरंजन को हथकड़ी लगाकर जेल भेजना नगर थानेदार को महंगा पड़ गया है. दरअसल भाजपा नेता जहानाबाद सांसद व समर्थकों के खिलाफ थाने में एक मामला दर्ज कराने पहुंचे थे. उसी दौरान पुलिस को गोपनीय सूत्रों से पता चला कि उक्त नेता पहले से ही वारंटी है.

आनन-फानन में पुलिस ने मामला दर्ज करने से पहले उसे हिरासत में ले लिया, लेकिन मामला तब तूल पकड़ गया जब उसे हथकड़ी पहनाकर जेल भेजा गया. हालांकि शशिरंजन को अदालत से जमानत मिल गयी. उक्त नेता को हथकड़ी लगा देख लोग-बाग के बीच कानाफूसी शुरू हो गयी.
मामला अब धीरे-धीरे तूल पकड़ने लगा. बड़े नेताओं के संज्ञान में जब मामला आया तो पुलिस के वरीय अधिकारियों ने भी नोटिस लेना शुरू कर दिया. सोमवार को एसपी मनीष ने नगर थानाध्यक्ष अवधेश कुमार से स्पष्टीकरण मांगा है कि आखिर किन परिस्थितियों में उक्त नेता को हथकड़ी लगायी गयी थी.
क्या है नियम :सुप्रीम कोर्ट ने हथकड़ी पहनाने को अपमानजनक और उत्पीड़क बताते हुए इसे मानवाधिकारों का हनन और संवैधानिक अधिकारों के विरुद्ध घोषित किया है. कोर्ट के निर्देश के अनुसार गिरफ्तार व्यक्ति को हथकड़ी अत्यंत विशेष परिस्थिति में ही पहनायी जा सकती है.
यदि वह व्यक्ति खतरनाक है और उसके पुलिस अभिरक्षा से भाग जाने की आशंका है तो हथकड़ी पहनाने से पूर्व संबंधित अधिकारी को थाने की डायरी में हथकड़ी पहनाने के कारणों को अभिलिखित करना होगा और अन्य कागजातों के साथ-साथ इसकी प्रति भी मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत करनी होती है.
यदि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये निर्देशों की अवहेलना करते हुए कोई किसी को हथकड़ी पहनाकर पुलिस अभिरक्षा में कहीं ले जाता हुआ पाया जाता है तो माना जायेगा कि उसने न्यायालय के आदेश की अवमानना की है और उसे न्यायालय की अवमानना और अन्य प्रावधानों के तहत दंडित किया जा सकता है.

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