Waqf Act : वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर देश की शीर्ष अदालत में बुधवार को अहम सुनवाई होनी जा रही है. इस कानून पर सुनवाई से पहले जेडीयू की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. पार्टी के विधानसभा परिषद के सदस्य और प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि यह कानून देश के संसद से लोकतांत्रिक तरीके से पारित हुआ है और अब सुप्रीम कोर्ट के पास ही इसके औचित्य की समीक्षा का अधिकार है.
RJD ने JPC में नहीं उठाया था सवाल : JDU
नीरज कुमार ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम को संसद ने विधिवत पारित किया है. इसके पूर्व इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था, जहां राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से कोई औपचारिक आपत्ति या प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी ने ईमेल से अपनी राय दी हो तो उसकी जानकारी उन्हें नहीं है, लेकिन लिखित और विधिवत आपत्ति नहीं है. यह अधिनियम पूरी तरह से संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए संसद से पारित हुआ है और अब इसके औचित्य की समीक्षा का अधिकार केवल सुप्रीम कोर्ट को है.”

सुप्रीम कोर्ट पर है पार्टी को भरोसा : नीरज
जेडीयू प्रवक्ता ने यह भी कहा कि जब कोई कानून संसद से पारित हो जाता है, तो उसे चुनौती देने का एकमात्र मंच सुप्रीम कोर्ट होता है और यही लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बुनियाद है. उन्होंने कहा कि जो लोग लोकतांत्रिक मूल्य प्रणाली पर भरोसा रखते हैं, उन्हें अब सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करना चाहिए.
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JDU ने वक्फ बिल पर किया है सरकार का समर्थन
बता दें कि संसद में जब कानून को पेश किया गया तो जनता दल (यनाइटेड) ने इसका समर्थन किया. पार्टी के लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों ने बिल के पक्ष में मतदान किया. वहीं, पार्टी के बड़े नेता इस बिल को गरीब मुसलमानों के हित में बता रहे हैं.
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