जमुई . अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस के अवसर पर पर्यावरण भारती द्वारा गुरुवार को खैरा मोड़ स्थित मातृत्व सेवा सदन परिसर में फलदार एवं औषधीय पौधों का पौधरोपण किया गया. इस अवसर पर कटहल, आम, आंवला, अमरूद एवं अगस्त फूल के कुल 13 पौधे लगाये गये. कार्यक्रम का नेतृत्व पर्यावरण नारी शक्ति प्रांत टोली सदस्य डॉ शालिनी सिंह ने किया. इस दौरान पर्यावरण भारती के संस्थापक राम बिलास शाण्डिल्य ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग से विश्व के मानव त्रस्त हैं. इसका एकमात्र समाधान पौधरोण है. उन्होंने चेताया कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण पर्यावरण असंतुलन और जलवायु परिवर्तन का संकट गहरा रहा है. आज यदि 100 पेड़ लगाए जाते हैं, तो 1000 पेड़ काटे जा रहे हैं. ऐसे में भविष्य में कूलर और एसी बेअसर हो जाएंगे और धरती तपने लगेगी. उन्होंने लोगो से अपील किया कि हर परिवार अपने घर के आसपास कम से कम 10 पौधा अवश्य लगाएं, जिससे तापमान में 5 डिग्री तक की गिरावट लाई जा सकती है. कार्यक्रम में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस का महत्व भी रेखांकित किया. उन्होंने बताया कि यह दिवस पहली बार 15 मई 1994 को मनाया गया था. इस वर्ष की थीम “परिवार एवं जलवायु परिवर्तन ” है. शाण्डिल्य ने कहा कि भारतीय संस्कृति में “वसुधैव कुटुंबकम ” की भावना रची-बसी है, और कोविड-19 महामारी ने यह साबित किया कि संपूर्ण मानवता एक परिवार है. उन्होंने कहा कि परिवार ही वह इकाई है जो व्यक्ति को समाज, राष्ट्र और विश्व से जोड़ता है. इस दिवस का उद्देश्य है मानव समाज में परिवार के महत्व के प्रति जागरूकता लाना और लोगों को गरीबी, भेदभाव और हिंसा जैसे मुद्दों के प्रति सजग करना. परिवार में सामूहिक गतिविधियां जैसे पिकनिक, भजन-कीर्तन और पौधारोपण से आपसी संबंध मजबूत होते हैं. पौधरोपण कार्यक्रम में डॉ वीणा सिंह, डॉ शालिनी सिंह, रानी कुमारी, पूजा कुमारी, सोनी कुमारी, राम बिलास शाण्डिल्य सहित दर्जनो लोग उपस्थित थे.
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