आर्यन हत्याकांड. गिरफ्तार हत्यारा नीरज ने पुलिस को बताया हत्या का कारण साइबर अपराध सहित हत्या के अन्य कई कारणों पर पुलिस कर रही है जांच
रजौन के 11 वर्षीय आर्यन उर्फ पवन के अपहरण के बाद गुरुवार को की गयी थी निर्मम हत्यासोनो. चरकापत्थर थाना क्षेत्र के रजौन निवासी दिनेश दास के 11 वर्षीय पुत्र आर्यन कुमार उर्फ पवन के बीते बुधवार हुए अपहरण के बाद पत्थर से कूच कर की गयी हत्या के कारण को लेकर तरह-तरह की चर्चा है. हत्या का कारण साइबर अपराध से जुड़ा है या फिरौती से या फिर कोई अन्य कारण है इसकी सघन जांच चल रही है. घटना के दिन ही हत्या के इस कांड में मृतक का पड़ोसी चाचा नीरज और अविनाश काे गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस की मानें तो मुख्य आरोपित और आर्यन का हत्यारा नीरज ने अपराध स्वीकार करते हुए पुलिस को बताया कि वह फिरौती के लिए आर्यन का अपहरण किया था, लेकिन मामला बिगड़ते देख उसकी हत्या कर दी. इस तरह प्रथमदृष्टया यह मामला फिरौती के लिए अपहरण और हत्या से जुड़ा दिख रहा है, लेकिन पुलिस साइबर अपराध सहित अन्य बिंदु पर भी जांच कर रही है. इसके लिए गिरफ्तार नीरज व अविनाश के मोबाइल की जांच, कॉल डिटेल, दिनेश के एकाउंट व अन्य तकनीकी अनुसंधान में लग गयी है. वहीं हत्या से जुड़ी अन्य जानकारियों के लिए एफएसएल टीम द्वारा एकत्र किये गये नमूने भी जांच में कारगर होंगे. बताते चलें कि वर्ग पांचवीं का छात्र आर्यन कुमार उर्फ पवन का शव मुड़वाला के समीप चरका पहाड़ी के घाघा जंगल से गुरुवार की सुबह बरामद किया गया था, जबकि शुक्रवार को नीरज की निशानदेही पर पुलिस ने आर्यन के खून से सने कपड़े भी घटनास्थल के आसपास के झाड़ियों से बरामद कर लिया है. इसके अलावे कांड में नामजद अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी की जा रही है.
नीरज ने आर्यन के पिता को मैसेज तो किया, लेकिन फिरौती की राशि नहीं मांगी
जांच और नीरज के बयान ने अपहरण और हत्या को फिरौती से जोड़ दिया. नीरज ने मैसेंजर से आर्यन के पिता दिनेश को धमकी भरा मैसेज तो किया था, लेकिन मैसेज में फिरौती की राशि का कोई जिक्र नहीं किया था. नीरज ने फिरौती के लिए किसी अन्य नंबर से दिनेश को कोई कॉल भी नहीं किया था. अलबत्ता एक फेक आईडी से हाल ही में बनाये गये फेसबुक से उसे कई मैसेज भेजा था. इस तरह फिरौती की राशि का जिक्र न होना और फिरौती के लिए इंतजार न करके फौरन आर्यन की हत्या कर देना नीरज के फिरौती वाली दलील को सपोर्ट करता नहीं दिख रहा है. हालांकि, आर्यन के पिता को भी लगता है कि संभव है कि रुपये की तंगी से जूझ रहा नीरज फिरौती के लिए अपहरण किया और स्थिति अनुकूल न होते देख अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर आर्यन को मार डाला.नीरज पर साइबर अपराध से जुड़े होने का आरोप
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार नीरज और उसके भाई का साइबर अपराध से पुराना नाता रहा है. पहले चेन्नई और बाद में बेंगलुरु में काम करते हुए उसने साइबर ठगी कर बड़ी कमाई की थी. आरोप है कि बाद में वह भागकर घर आ गया था और यहीं से साइबर ठगी करना शुरू किया था. इसमें स्थानीय लोगों को भी शामिल किया और ठगी की राशि अन्य लोगों के खाते में मंगाने लगा. कई ग्रामीण आशंका व्यक्त कर रहे है कि आर्यन की हत्या के पीछे कहीं ठगी की राशि के लेन देन से उपजा विवाद तो नहीं. पुलिस भी साइबर अपराध को लेकर व्यक्त की जा रही आशंकाओं की जांच कर रही है और लोगों के बैंक एकाउंट खंगाले जा रहे है.क्या आर्यन नीरज के किसी राज को देख लिया था
आर्यन की हत्या के कारण को लेकर चल रही चर्चा में यह भी बात कही जा रही है कि कहीं आर्यन ने नीरज का कोई ऐसा राज तो नहीं देख लिया, जिसके कारण नीरज ने उसकी हत्या कर दी. दरअसल, नीरज आर्यन का पड़ोसी था और रिश्ते में गोतिया का चाचा लगता था. नीरज से उन लोगों के संबंध भी अच्छे थे. यही कारण था कि जब दालमोट और नीमकी देकर नीरज ने आर्यन को पिकनिक के बहाने बाइक पर बैठाया तब आर्यन बिना झिझक बड़े विश्वास से बाइक पर बैठ गया होगा. अब यह भी आशंका जताई जा रही है कि आर्यन ने संभवतः नीरज के साइबर अपराध या अन्य किसी बड़े राज़ को अनजाने में जान लिया हो, इस कारण उसे अपनी जान गंवानी पड़ी. शायद नीरज किसी बड़े दबाव में था और जानकारी लीक होने के डर से उसने यह कदम उठाया. हत्या की बर्बरता और संदिग्ध गतिविधियां यह इशारा करती हैं कि यह मामला सिर्फ अपहरण या व्यक्तिगत रंजिश का नहीं लगता है. बहरहाल, पुलिस आरोपितों के मोबाइल डंप डाटा, बैंक लेनदेन और बातचीत के पैटर्न को खंगालने में जुटी है.हत्या का कारण फिरौती है या साइबर कनेक्शन है या फिर कोई अन्य, इन सभी पहलू पर जांच की जा रही है. बहुत जल्द पूरी सच्चाई सामने आ जायेगी. पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है.
राजेश कुमार, एसडीपीओ, झाझाB
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