जमुई . अंतरराष्ट्रीय छात्र दिवस पर नगर परिषद सभागार में शनिवार को राष्ट्र निर्माण में छात्रों का योगदान विषय पर परिचर्चा आयोजित की गयी. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित केकेएम कॉलेज के वरिष्ठ सहायक प्राचार्य डॉ. गौरी शंकर पासवान ने कहा कि विश्व के इतिहास में जहां भी सत्ता परिवर्तन और सामाजिक बदलाव हुए हैं, वहां छात्रों की निर्णायक भूमिका रही है. छात्र न केवल इतिहास बदलते हैं बल्कि नया इतिहास रचने की क्षमता रखते हैं. उन्होंने कहा कि छात्र किसी भी देश की ऊर्जा, उम्मीद और भविष्य की निर्णायक शक्ति होते हैं. छात्र ज्ञान को समाज की प्रगति में बदलने वाले सबसे बड़े परिवर्तनकर्ता हैं. यदि छात्र अपने लक्ष्य को स्पष्ट रखें, सोच सकारात्मक हो और कर्तव्य के प्रति दृढ़ रहें, तो राष्ट्र स्वतः प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता है. उन्होंने कहा कि छात्र ही विकसित भारत @2047 के सच्चे रचनाकार हैं. युवा शक्ति परिवर्तन का असली ईंधन है और इसका सदुपयोग राष्ट्र को नई ऊंचाई देता है. प्रो पासवान ने युवाओं की शक्ति की तुलना करते हुए कहा कि छात्र परमाणु और हाइड्रोजन बम का मिश्रित रूप हैं. एक हाथ में विषकुंभ तो दूसरे में अमृत कलश है. इसलिए इस शक्ति का उपयोग सदैव रचनात्मक दिशा में होना चाहिए, न कि विनाशकारी कार्यों में. कार्यक्रम में शिक्षकों और छात्रों ने अंतरराष्ट्रीय छात्र दिवस के महत्व पर विस्तृत चर्चा की और युवाओं को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का संदेश दिया.
समानता व न्याय के संवाहक हैं छात्र : डॉ दुबे
एकलव्य कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. निरंजन कुमार दुबे ने कहा कि छात्र समाज में समानता, न्याय और भाईचारे के भाव को फैलाने वाले प्रमुख संवाहक होते हैं. वे ही राष्ट्र के कर्णधार हैं. युवाओं के अंदर की आग देश को प्रगति की लौ देती है.आज का छात्र, कल का निर्माता : प्रो संजीव सिंह
एसपीएस महिला कॉलेज के इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर संजीव कुमार सिंह ने कहा कि आज का छात्र कल का निर्माता हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षित, जागरूक और संकल्पित छात्र ही राष्ट्र में वास्तविक परिवर्तन ला सकते हैं. श्रेष्ठ आचरण और निष्ठा के साथ कार्य क्षेत्र में उतरने वाला छात्र देश को समृद्ध और उन्नत बनाने में अहम योगदान देता है.विश्व के प्रेरणा-दीप हैं छात्र : डॉ झा
केकेएम कॉलेज के रसायन विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ एसके झा ने कहा कि छात्र विश्व के प्रेरणा-दीप हैं. उनका योगदान आज भी अनुपम है और भविष्य में भी राष्ट्र निर्माण का आधार बना रहेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

