असरगंज : प्रखंड क्षेत्र के मकवा गांव स्थित नीर निर्मल परियोजना के तहत नवनिर्मित जल मीनार का पानी विभागीय उदासीनता के कारण ग्रामीणों के घर नहीं पहुंच रही है. वहीं दूसरी तरफ भीषण गर्मी एवं लगातार जल स्तर नीचे जाने के कारण मकवा पंचायत में जल संकट गहराता जा रहा है.
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पांच चापाकल से बुझ रही पांच हजार लोगों की प्यास
असरगंज : प्रखंड क्षेत्र के मकवा गांव स्थित नीर निर्मल परियोजना के तहत नवनिर्मित जल मीनार का पानी विभागीय उदासीनता के कारण ग्रामीणों के घर नहीं पहुंच रही है. वहीं दूसरी तरफ भीषण गर्मी एवं लगातार जल स्तर नीचे जाने के कारण मकवा पंचायत में जल संकट गहराता जा रहा है. हाल यह है कि […]
हाल यह है कि 5 हजार की आबादी वाला गांव में केवल पांच चापानल है. जिसके सहारे लोगों का प्यास बूझ रहा है. ऐसी बात नहीं है कि यहां चापानल नहीं है. लेकिन 15 चापानल ने पानी देना बंद कर दिया है.
जबकि 1 करोड़ 16 लाख की लागत से निर्मित जल मीनार का निर्माण हुए 3 महीने से अधिक हो गया है. लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण पानी सप्लाई अभी तक शुरू नहीं हुआ है. पूर्व उप मुखिया उमेश पंजियारा ने बताया कि मकवा एवं मिल्क जोरारी गांव में 3 महीने पहले ही पानी का नल लगाया जा चुका है. लेकिन इस भीषण गर्मी में भी पानी का सप्लाई नहीं किया जा रहा है.
पानी चलने से हजारों लोगों की प्यास बुझेगी. जल मीनार पर कार्यरत ऑपरेटर सतीश कुमार ने बताया कि पानी सप्लाई शुरू करने के पहले ही मकवा गांव के कुछ ग्रामीणों ने पानी सप्लाई से मना कर दिया है. वहां के ग्रामीणों का कहना है कि जब तक हमारे घर में पाइप लाइन नहीं बिछाया जाता है. तब पानी चालू नहीं करने देंगे.
इसलिए अभी तक पानी सप्लाई का टेस्टिंग भी नहीं किया जा सका है. इस मामले पर पीएचइडी विभाग कार्यपालक अभियंता अजीत कुमार ने बताया कि फेज वन का काम किया जा चुका है. छूटे हुए घरों में पाइप लाइन बिछाने की विभाग ने स्वीकृति दे दी है. लेकिन आचार संहिता के कारण वर्क आॅर्डर नहीं दिया गया है.
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