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राघोपुर महोत्सव से बढ़ेगी पर्यटन की संभावना

कला, संस्कृति एवं युवा विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में पहली बार राघोपुर महोत्सव का भव्य आयोजन सोमवार को प्रखंड परिसर में किया गया.

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राघोपुर. कला, संस्कृति एवं युवा विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में पहली बार राघोपुर महोत्सव का भव्य आयोजन सोमवार को प्रखंड परिसर में किया गया. महोत्सव का उद्घाटन पटना साहिब तख्त हर मंदिर साहिब के जत्थेदार रहे ज्ञानी रणजीत सिंह गौहर, जिला बंदोबस्त पदाधिकारी विपिन कुमार यादव, जिला भू अर्जन पदाधिकारी गोविंद कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी आनंद प्रकाश, अंचलाधिकारी दीपक कुमार, युवा एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के महानिदेशक प्रतिनिधि गौतम सिंह, प्रखंड प्रमुख जगन्नाथ, पुलिस निरीक्षक राघोपुर रंजीत कुमार निराला एवं प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी ने संयुक्त रूप से किया. मुख्य अतिथि रणजीत सिंह गौहर ने कहा कि कहा कि राघोपुर महोत्सव पहली बार मनाया जा रहा है, जो उन्होंने गुरु गोविंद सिंह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनकी जीवनी और उनके चार पुत्रों फतेह सिंह, जोरावर सिंह, अजीत सिंह और जुझार सिंह के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने उनके त्याग और बलिदान से प्रेरणा लेने की बात कही. जिला बंदोबस्त पदाधिकारी ने कहा कि अगले वर्ष और भी भव्य तरीके से महोत्सव का आयोजन किया जायेगा. जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने कहा कि गंगा नदी से चारों ओर घिरे राघोपुर की धरती पर महोत्सव का आयोजन राघोपुरवासियों के लिए गौरव का क्षण है. यह भूमि पवित्र है और गुरु गोविंद सिंह के दो पुत्रों के नाम पर यहां दो गांव बसे हुए हैं. प्राचीन काल से रहा है ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व बीडीओ ने कहा कि यह धरती गंगा और गंडक नदियों की कृपा पर निर्भर है. गंगा के पवित्र जल से सिंचित यह भूमि कभी आशीर्वाद देती है, तो कभी इसकी विनाशलीला से लोग प्रभावित होते हैं. यह प्राचीन काल से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की भूमि रही है, जो मेहनतकश लोगों की कर्मभूमि भी है. उन्होंने कहा कि इस धरती से वीर सपूत, बुद्धिजीवी, कलाकार और कुशल श्रमिक उत्पन्न हुए हैं. भगवान श्रीराम ने अपने गुरु की आज्ञा से तारकासुर का वध करने के बाद इसी पावन धरती से जनकपुर धाम की यात्रा की थी, जिससे इसका नाम राघोपुर पड़ा. वहीं, सिखों के अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह के पुत्र फतेह सिंह और जोरावर सिंह के नाम पर फतेहपुर और जुड़ावनपुर गांवों का नामकरण हुआ. बौद्ध भिक्षु आनंद, जो भगवान बुद्ध के भाई भी थे, ने भी अपने परिनिर्वाण के लिए इस भूमि को चुना था. इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की भी प्रस्तुति दी गयी. राघोपुर के राघोपुर गायन के निर्माणकर्ता एवं प्रस्तुतीकरण शिक्षक राजकुमार साह ने किया. नीरज कुमार मिश्र उच्च विद्यालय रामपुर ने सितार वादन किया. सुनीता कुमारी, मध्य विद्यालय राघोपुर बालिका ने राघोपुर बालिका की सभी छात्र-छात्रा की सामूहिक प्रस्तुति के निर्देशन में अपना योगदान दिया. समारोह में इनकी रही उपस्थिति समारोहम में राघोपुर थाना अध्यक्ष पंकज कुमार, रुस्तमपुर थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार, भाजपा पूर्वी मंडल अध्यक्ष धनंजय सिंह, पश्चिमी मंडल अध्यक्ष शिव शंकर यादव, राजद के प्रखंड अध्यक्ष बृजनंदन राय, जदयू के प्रखंड अध्यक्ष मंतोष कुमार सिंह, राकेश राज उर्फ चिंटू यादव, मुखिया चंदन कुमार सिंह, प्रतिनिधि कंचन कुमार, पूर्व प्रमुख मुकेश राय, मानिक चंद्र राय, विद्यासागर राय, सुरेश राय, सत्येंद्र शाह उर्फ लड्डू, पूर्व मुखिया भुवनेश्वर प्रसाद यादव, सोनेलाल राय, पैक्स अध्यक्ष विपिन कुमार सिंह, कृष्ण देव सिंह, भाजपा नेता जयप्रकाश सिंह उर्फ छोटू, लोजपा (रामविलास) के प्रखंड अध्यक्ष रामजीवन पासवान, युवा नेता पिंटू सिंह, प्रधानाध्यापक अर्जुन कुमार, पंचायत समिति सदस्य गणेश राय, मंटू दास, भाजपा नेता विपुल कुमार सिंह, अमित कुमार शामिल थे.

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