हाजीपुर. अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन दिया जा रहा है. इसी क्रम में महासंघ की जिला इकाई ने भी सोमवार को प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन डीएम कार्यालय में दिया. महासंघ के जिलाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि ज्ञापन में बताया गया है कि उच्चतम न्यायालय के द्वारा पूर्व में आदेश दिया गया है कि सभी शिक्षकों को टीईटी पास करना अनिवार्य है, जबकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 तथा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद एनसीटीई की अधिसूचना दिनांक 23. 8. 2010 के अंतर्गत स्पष्ट रूप से दो श्रेणियां मान्य की गई थी. एक वर्ष 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षक जिन्हें टीईटी में छूट दी गई थी, दूसरा वर्ष 2010 के बाद नियुक्त शिक्षक जिनके लिए एक निश्चित अवधि में टीइटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया गया था. इन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय से निर्णय में इस तथ्य को अनदेखा कर दिया गया, जिसके परिणाम स्वरूप 2010 से पूर्व वैद्य रूप से नियुक्त शिक्षकों की सेवा भी असुरक्षित हो गई है. इस निर्णय से देश भर में लगभग 20 लाख से अधिक शिक्षक चिंता और असमंजस की स्थिति में हैं. ज्ञापन के माध्यम से प्रधानमंत्री से महासंघ ने मांग की है कि लाखों शिक्षकों की सेवा समाप्ति अथवा आजीविका संकट से बचाने हेतु आवश्यक नीतिगत निर्णय लिया जाय. प्रदेश शिक्षक सम्मान प्रकोष्ठ के त्रिवेणी कुमार, जिलाध्यक्ष राजेश कुमार, जिला कोषाध्यक्ष मृत्युंजय सिंह मुन्ना आदि इस दौरान आदि शामिल थे.
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