गोपालगंज. कार्तिक पूर्णिमा पर यूपी के सेवरही शिवाघाट में स्नान के दौरान एक नवजात बच्चा मिला. महिला खुद को यशोदा मां बनकर दया भावना से प्रेरित होकर बच्चे को अपनी गोद में उठाकर इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंची और उसे अपना बताकर भर्ती करा दिया.
इसके बाद सूचना मिलते ही विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान की टीम सक्रिय हुई और अस्पताल पहुंचकर कानूनी प्रक्रिया के तहत बच्चे को अपने संरक्षण में ले लिया. डॉक्टरों ने नवजात की हालत को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए मुजफ्फरपुर रेफर कर दिया, जहां उसकी हालत में सुधार की बात कही जा रही. उधर, कुचायकोट थाना क्षेत्र के रामपुर खरेया के निवासी सचिंद्र मांझी की पत्नी गीता देवी का दावा है कि नवजात घाट पर मिला था. यूपी पुलिस ने उसे सौंप दिया था. नवजात की तबीयत खराब होने पर गीता देवी उसे लेकर सदर अस्पताल गोपालगंज पहुंचीं, जहां उसे एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया. सदर अस्पताल परिसर में दूसरे दिन महिला ने अपने साथ कई लोगों के साथ पहुंची और हंगामे पर उतर गयी. महिला बच्चे पर अपना दावा करते हुए उसे वापस देने की मांग पर अड़ गयी. अधिकारियों ने कानूनी प्रक्रिया का हवाला देते हुए इंकार कर दिया. इसके बाद महिला के परिजन और गांव के लोग सोमवार की दोपहर सदर अस्पताल गेट के सामने सड़क जाम कर नारेबाजी करने लगे, जिससे अस्पताल परिसर में अफरातफरी का माहौल बन गया. सूचना पर नगर थाना पुलिस और डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची और घंटों समझा-बुझाकर स्थिति को नियंत्रित किया. फिलहाल बच्चा सुरक्षित है और इलाज जारी है.लावारिश बच्चों पर सरकार का हक
डीएम पवन कुमार सिन्हा ने इस घटना को गंभीरता से लिया है. डीएम ने कहा कि दत्तक ग्रहण कानून 2012 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति बिना कानूनी प्रक्रिया के बच्चे को अपने पास नहीं रख सकता. इसका उल्लंघन करने पर तीन वर्ष की सजा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद ही बच्चे को दिया जा सकता है. लावारिश बच्चे पर सरकार का हक है. बाल संरक्षण इकाई के दत्तक केंद्र उस बच्चे का इलाज मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज में करा रहा है. फिलहाल बच्चा सुरक्षित है. उसे स्वस्थ होने पर दत्तक केंद्र में रखा जायेगा, जहां से पोर्टल पर ऑनलाइन करने वाले दंपती को बच्चा को सौंपा जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

