सिधवलिया. प्रखंड के चांदपरना गांव स्थित शिव मंदिर प्रांगण में चल रहे संगीतमय श्रीराम कथा महायज्ञ के तीसरे दिन कथा प्रवक्ता साध्वी शशिप्रभा ने प्रवचन दिया. उन्होंने कहा कि मनुष्य के अंतिम समय में यदि जिह्वा पर राम का नाम आ जाये, तो वह सभी पापों से मुक्त होकर प्रभु कृपा से बैकुंठ धाम को प्राप्त करता है. उन्होंने कहा कि जो लोग पूरे जीवन भगवान का नाम लेते हैं, उनके मुख से मृत्यु के समय स्वतः ही प्रभु का नाम निकल जाता है. किंतु जो यह सोचते हैं कि केवल मृत्यु के समय राम का नाम ले लेंगे, वे उस अवसर पर भी प्रभु नाम नहीं ले पाते. साध्वी शशिप्रभा ने दोहे के माध्यम से कहा कि ””न जन्म जन्म मुनि जतन कड़ाही, अंत राम कही आवत नाही.”” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भीष्म पितामह को भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं उनके अंतिम समय में दर्शन दिये, क्योंकि उन्होंने आजीवन भक्ति की थी. साध्वी जी ने भजन “मोरी छोड़ो न बहियां सिया के सैया” और “हरि गुण गाकर जीवन बना ले पगला” प्रस्तुत किया, जिस पर श्रद्धालु भावविभोर होकर झूम उठे. कथा के दौरान शिव विवाह और राम जन्म की कथा का भी भावपूर्ण वर्णन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत में मंजू देवी ने अंगवस्त्र देकर साध्वी शशिप्रभा का सम्मान किया. मौके पर हरकेश सिंह, अमित सिंह, किशोर सिंह, नवल पांडेय, पप्पू सिंह, हरिकिशोर सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

