गोपालगंज. शनिवार को हुई मूसलाधार बारिश ने स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी. मॉडल सदर अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड जलमग्न हो गया.
हालत ऐसी बन गयी कि मरीज वार्ड में बिस्तरों पर तो थे, लेकिन पानी से घिरे होने के कारण वे ””””जल कैदी”””” बन गये. इमरजेंसी वार्ड में घुटने भर पानी जमा हो गया, जिससे मरीज और उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा. इमरजेंसी वार्ड में रखे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, स्ट्रेचर, व्हीलचेयर, मशीनें और अन्य जरूरी उपकरण पानी में डूब गये. वहीं, मेडिकल कचरा जैसे इंजेक्शन की सुई और स्लाइन की बोतलें भी पानी में तैर रही थीं, जिससे संक्रमण फैलने का गंभीर खतरा मंडरा रहा था. बदहाल व्यवस्था से परेशान होकर कई मरीज इलाज कराये बिना ही वापस लौट गये. मरीजों और परिजनों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि यह अस्पताल मरीजों की सेवा करने के बजाय खुद ही बीमारियों को दावत दे रहा. मरीजों का कहना था कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण उन्हें भारी जोखिम उठाना पड़ रहा. गौरतलब है कि बीते 28 सितंबर को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मॉडल अस्पताल के नये भवन का उद्घाटन किया था. लेकिन, भवन अभी पूरी तरह तैयार नहीं होने के कारण इमरजेंसी वार्ड को शिफ्ट नहीं किया जा सका था. इसी वजह से मरीज पुराने भवन में इलाज कराने को मजबूर थे, जहां जलभराव ने हालात और खराब कर दिये.नये भवन में अस्थायी शिफ्ट हुआ इमरजेंसी वार्ड
अस्पताल प्रबंधक जान मोहम्मद ने बताया कि मरीजों की परेशानी को देखते हुए तत्काल कदम उठाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि दोपहर बाद इमरजेंसी वार्ड को नये भवन के ग्राउंड फ्लोर में शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है, ताकि मरीजों को राहत मिल सके. फिलहाल, बारिश से जनजीवन पहले ही अस्त-व्यस्त है और अस्पताल का यह हाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है. मरीजों और उनके परिजनों की नाराजगी स्पष्ट है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का खामियाजा उन्हें ही भुगतना पड़ रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

