थावे. बिहार के प्रमुख शक्ति पीठ थावे में मां सिंहासनी का दरबार सज-धज कर तैयार हो गया है. चैत्र नवरात्र के पहले दिन रविवार की सुबह चार बजे मंगला आरती के साथ ही दर्शन शुरू हो जायेगा. नेपाल से लेकर यूपी, दिल्ली, झारखंड के लाखों भक्तों के अस्था का केंद्र बना हुआ है. साधकों और पंडितों द्वारा अनुष्ठान की तैयारी शुरू कर दी गयी है. फूलों से आकर्षक ढंग से जय माता दी लिखा गया है. मंदिर प्रांगण को रंग-बिरंगी लाइट एवं चुनरी से सजाया गया है. भक्तों को धूप में कठिनाई ना हो इसके लिए हर स्तर पर तैयारी की गयी है. प्रशासन की ओर से व्यापक तैयारी की गयी है. कलश स्थापना के साथ मां के नौ रूपों की आराधना यहां होती है. मंदिर के मुख्य पुजारी पं संजय पांडेय ने बताया कि मंगला आरती के साथ ही दर्शन शुरू होगा, जो रात के 10 बजे तक अनवरत जारी रहेगा. शयन आरती के साथ मंदिर बंद हो जायेगा. इस दौरान पहले दिन लाखों की भीड़ होने की उम्मीद है. मां के दर्शन मात्र से भक्तों के सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं. अब तक यहां आने वाले हर भक्तों की झोली को मां भरती रही हैं. कोई खाली हाथ नहीं जाता. नवरात्र भर मां की विशेष कृपा होती है.
सर्वार्थ अमृत सिद्धियोग के बीच आज से शुरू होगा नवरात्र
थावे .चैत्र नवरात्र की शुरुआत रविवार से हो रही है. इसका समापन छह अप्रैल को रामनवमी के दिन होगा. सर्वार्थ अमृत सिद्धियोग बन रहा है रविवार से नववर्ष का आरंभ होने से इस वर्ष के राजा सूर्य होंगे नवग्रहों के मंत्री मंडल में वर्ष के मंत्री का भी पद सूर्य को ही प्राप्त हुआ है. आचार्य पं अमित तिवारी ने बताया कि चैत्र नवरात्र और हिंदू नववर्ष के आरंभ के समय मीन राशि में छह ग्रहों का योग बन रहा है सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, शनि और राहु सभी 6 ग्रह एक मीन राशि में गोचर करेंगे. दैनिक योगों में ऐंद्र योग रात्री 7:40 तक रहेगा. सर्वार्थसिद्धियोग प्रातः 6:14 के बाद आरंभ होगा. यह योग दिन में 2:14 तक रहेगा. इन योग ही हिन्दू नववर्ष 2082 का आरंभ और नवरात्र का कल-स्थापन होगा. इस कारण कलश स्थापन सूर्योदय से दिन 2:14 बजे तक ही है. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्र का आरंभ होता है. घर-घर कलश स्थापन, चंडी पाठ व उपासक लोग व्रत और उपवास करते. इस दौरान व्रत रखने और पूजा करने से मां दुर्गा सभी इच्छाएं पूरी करती हैं. चैत्र नवरात्र को लेकर कलश स्थापना के लिए भक्तों ने तैयारी भी शुरू कर दी है.घटस्थापना शुभ योग
ज्योतिषाचार्य पं ओम तिवारी ने बताया कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर इंद्र योग का निर्माण हो रहा है. इंद्र योग का संयोग शाम 04:54 बजे तक है. इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग है. इन योग में कलश स्थापना कर देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलेगा. घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
30 मार्च- सुबह 06.13 से 10.22 बजे तक, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12.01 से 12.50 बजे तक
आज से शुरू हो जायेगा हिंदू नववर्ष
30 मार्च को ही हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होने वाली है. उन्होंने आगे बताया कि चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा के स्वरूपों की पूजा तो होती ही है. साथ ही साथ, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही हिंदू नववर्ष भी प्रारंभ हो जाता है, जिसे हिंदू नव संवत्सर कहा जाता है.
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