बैकुंठपुर. प्रखंड क्षेत्र के दक्षिण बनकट्टी बुढ़िया माई स्थान के पास आयोजित शतचंडी महायज्ञ में कथावाचिका ममता पाठक ने बताया कि यज्ञ करने से बुद्धि विकसित होती है और अच्छे संस्कार आते हैं. कथावाचिका ने कथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिस प्रकार गंगा जहां-जहां प्रवाहित होती है, वहां का क्षेत्र पावन हो जाता है, उसी प्रकार जहां-जहां श्रीमद्भागवत कथा रस की वर्षा होती है, वहां का वातावरण भी आलोकित हो जाता है. उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा को ””कामधेनु”” कहा जाता है, जिसके सुनने मात्र से सभी सुख प्रदान करती है. इसका वास्तविक फल सत्कर्मों से प्राप्त होता है. बिना सत्संग के मनुष्य में विवेक का जागरण संभव नहीं है. उन्होंने श्रद्धा और विश्वास के महत्व को बताते हुए कहा कि भगवत भक्ति श्रद्धा और विश्वास के परिणय से ही संभव होती है. कार्यक्रम के दौरान नंदकिशोर सिंह, अली असगर, सुनील कुमार, रवि कुमार सिंह, रवींद्र सिंह, रमेश सिंह, रामाधार सिंह, श्रीभगवान प्रसाद सहित कई श्रद्धालु कथा श्रवण के लिए उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन पंचायत के मुखिया विकास कुमार सिंह ने किया. महायज्ञ का समापन सोमवार को हवन व पूर्णाहुति के साथ हो जायेगा.
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