फुलवरिया. प्रखंड के बथुआ बाजार में शनिवार को भीषण जाम ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दीं. मीरगंज-भागीपट्टी-समउर मुख्य मार्ग से सटे इस घनी आबादी वाले बाजार में सुबह से ही दो किलोमीटर लंबा जाम लग गया. सड़क के दोनों ओर लगी अवैध दुकानें, ठेले और अतिक्रमण ने बाजार की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा दी. स्थिति इतनी भयावह रही कि महिलाएं, बच्चे और बुजुर्गों को धूप में घंटों तक फंसे रहना पड़ा.
अतिक्रमण बना जाम का मुख्य कारण
स्थानीय लोगों ने बताया कि बथुआ बाजार में जाम की समस्या कोई नयी नहीं है. रोजाना बाजार में बेतरतीब ढंग से लगे ठेले और सड़क तक फैली दुकानें यातायात को बाधित करती हैं. सब्जी विक्रेताओं और दुकानदारों ने मुख्य सड़क पर ही ठेले लगा लिये, जिससे दोपहिया और चारपहिया वाहनों का गुजरना मुश्किल हो गया. सुबह शुरू हुआ जाम दोपहर तक जस का तस बना रहा. गर्मी और उमस ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी. ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई अधर में लटकी हुई है. न तो नियमित निगरानी होती है और न ही ट्रैफिक व्यवस्था सुचारु करने के लिए पुलिस बल की तैनाती की जाती है. इस लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है.
देर से पहुंची पुलिस, वाहन चालकों में झड़प
हालात बिगड़ने पर फुलवरिया पुलिस मौके पर पहुंची और काफी मशक्कत के बाद सड़क किनारे लगे ठेले और गाड़ियों को हटवाकर आवागमन शुरू कराया. जाम के दौरान कई स्थानों पर वाहन चालकों के बीच कहासुनी और धक्का-मुक्की तक की नौबत आ गयी. लोगों ने बताया कि ऐसी स्थिति बार-बार बनने के बावजूद प्रशासन मूकदर्शक बना रहता है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही प्रशासन ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार नहीं करता, अतिक्रमण नहीं हटाता और साप्ताहिक बाजार के दिनों में पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित नहीं करता, तो वे आंदोलन का सहारा लेने को मजबूर होंगे. स्थानीय लोगों ने स्पष्ट कहा कि बथुआ बाजार में स्थायी बैरिकेडिंग, ट्रैफिक नियंत्रण व्यवस्था और नियमित निगरानी ही इस समस्या का समाधान है, ताकि आमजन को दैनिक जाम की समस्या से राहत मिल सके.
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