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Gopalganj News : डॉक्टरों की हड़ताल से 5.5 हजार ओपीडी मरीज इलाज कराये बिना ही लौट गये

Gopalganj News : बिहार चिकित्सा संघ (भासा) के आह्वान पर गुरुवार से जिलेभर के चिकित्सकों ने तीन दिनों के लिए ओपीडी कार्य का बहिष्कार कर दिया. डॉक्टरों के बहिष्कार के बाद मरीजों की परेशानी बढ़ गयी.

गोपालगंज. बिहार चिकित्सा संघ (भासा) के आह्वान पर गुरुवार से जिलेभर के चिकित्सकों ने तीन दिनों के लिए ओपीडी कार्य का बहिष्कार कर दिया. डॉक्टरों के बहिष्कार के बाद मरीजों की परेशानी बढ़ गयी. ओपीडी से लेकर इमरजेंसी वार्ड तक पूरे दिन मरीजों की जान आफत में पड़ी रही. सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद रहीं, जिसके कारण मरीजों को जांच से लेकर एक्सरे तक की सुविधाएं नहीं मिलीं. तीन दिवसीय हड़ताल से पूरे दिन अस्पतालों में सन्नाटा पसरा रहा. सदर अस्पताल से लेकर अनुमंडलीय अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल और पीएचसी के अलावा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ओपीडी बहिष्कार किये जाने की वजह से साढ़े पांच हजार मरीज इलाज कराये बिना लौटने के लिए मजबूर दिखे. वहीं, बाद में सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र प्रसाद ने मरीजों का इलाज शुरू किया, तो उनका डॉक्टरों ने घेराव किया और काम बंद करा दिया. इसके बाद मरीजों ने भी इलाज नहीं होने पर सिविल सर्जन का घेराव किया. अधिकतर मरीज सर्दी, बुखार, एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने, हड्डी और नस रोग के अलावा शिशु रोग से ग्रसित पहुंचे थे.

अटेंडेंस व भाव्या एप पर जताया विरोध

हड़ताल पर गये सदर अस्पताल के चिकित्सक व भाषा के जिला सचिव डॉ कैप्टन एसके झा, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ एसके गुप्ता ने बताया कि डॉक्टरों को सरकार कोई भी सुविधा नहीं दे ही है. भाव्या एप के जरिये मरीजों को डाटा कलेक्ट किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि डॉक्टर मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं, इसलिए उनका वेतन बंद कर दिया जा रहा है. जबकि हकीकत है कि सभी चिकित्सक ओपीडी करते हैं और मरीजों का इलाज भी कर रहे हैं. वहीं, बायोमेट्रिक अटेंडेंस को लेकर भी चिकित्सकों ने विरोध जताया. सरकार से सदर सरकारी आवास और सुरक्षा की मांग प्रमुख रूप से रखी है. चिकित्सकों ने कहा कि तीन दिनों में सरकार ने उनके साथ वार्ता नहीं की, तो आंदोलन को और धारदार बनाया जायेगा. बहिष्कार के दौरान सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ एसके रंजन, डॉ एके चौधरी, डॉ देवेश कुमार, डॉ पंकज कुमार, डॉ शिव शंकर, डॉ संतोष कुमार सिंह, डॉ राहुल रंजन आदि मौजूद रहे.

ओपीडी में पसरा रहा सन्नाटा, इमरजेंसी मरीजों से फुल

डॉक्टरों की हड़ताल का असर इमरजेंसी वार्ड में दिखा. भासा के वैसे डॉक्टर, जो सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी वार्ड में कार्यरत हैं, उन्होंने काम किया. जिसके कारण ओपीडी के कई मरीज इमरजेंसी वार्ड में पहुंच गये. इमरजेंसी वार्ड मरीजों से पूरे दिन फुल रहा. दुर्घटना, विभिन्न बीमारियों से ग्रसित मरीज इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किये गये थे.

डॉक्टरों ने मांगी सुरक्षा, सरकार को दिया अल्टीमेटम

देश के अलग-अलग शहरों में डॉक्टरों पर हो रहे हमले को लेकर भासा ने चिंता जतायी है. ओपीडी सेवा बंद करने के बाद सरकार को अल्टीमेटम दिया है. भासा संघ के चिकित्सकों ने कहा कि लंबे समय से डॉक्टरों की सुरक्षा और ड्यूटी के दौरान हमले होने पर मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई करने का मांग हो रही है.

डॉक्टरों में नहीं है मानवता, इमरजेंसी वार्ड में होगा इलाज : सीएस

सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र प्रसाद ने कहा कि ओपीडी बहिष्कार किये जाने के बाद स्वास्थ्य समिति के कार्यालय के बाहर मरीजों को बुलाकर इलाज किया जा रहा था, लेकिन डॉक्टर यहां भी पहुंच गये और ओपीडी वाले मरीजों का चल रहा इलाज हंगामा और घेराव कर बंद करा दिया. मरीजों को इमरजेंसी वार्ड में भेजकर इलाज किया गया. डॉक्टरों में मरीजों की सेवा के प्रति मानवता नहीं दिखी. अपनी मांग है, रखें, लेकिन मरीजों की सेवा को बाधित करके नहीं. स्वास्थ्य विभाग इसपर कार्रवाई करेगा.

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