गोपालगंज. धनतेरस पर महालक्ष्मी की धनवर्षा से बाजार झूम उठा. दुकानदारों के चेहरे चमक उठे. आम हो या खास, सबके कदम बाजार में थे. हर तरफ खरीदने की आपाधापी मची थी.
शहर की सड़कों से लेकर गलियों तक की दुकानों में भारी भीड़ थी. यह नजारा था धनतेरस पर्व पर शहर और गांव के बाजारों का. शनिवार को बाजार में जनसैलाब उमड़ पड़ा और धनतेरस पर बाजारों में जमकर धन की वर्षा हुई, लोगों ने जहां जमकर कर खरीदारी की, वहीं आस्था के बाजार में 500 करोड़ से अधिक का व्यापार हुआ. आस्था की खरीदारी ने महंगाई को पूरी तरह मात दे दी. नतीजतन, दुकानदारों में खुशी रही. शनिवार को सुबह 10:31 बजे से ही बाजार ग्राहकों से गुलजार होने लगा और एक बजे तक तो हर तरफ पैर रखने तक की जगह बाजार में नहीं थी. सोना-चांदी और बर्तन की दुकानों पर सबसे ज्यादा भीड़ देखी गयी.मान्यता है कि धनतेरस पर सोना, चांदी और पीतल का सामान खरीदने से कुबेर भगवान खुश होते हैं. परंपरा के अनुसार अपने सामर्थ्य के मुताबिक लोगों ने पूरे दिन जमकर खरीदारी की तथा शाम को भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना कर धन आगमन की कामना की. इस अवसर पर आभूषण दुकान, बर्तन दुकान, बाइक और कटर के शोरूम तथा इलेक्ट्रॉनिक सामान की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ देर रात लगी रही. इस बार खास यह भी रहा कि लोग जमकर मिट्टी का दीया भी खरीदा, दीये के लिए सरसों का तेल व बाती भी ली. वहीं, चैंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव अमित कुमार रूंगटा की माने, तो इस वर्ष धनतेरस पर अनुमानतः पांच सौ करोड़ से अधिक का कारोबार हो गया. वहीं, कुछ लोग दूसरे दिन रविवार को भी उदया तिथि मानकर धनतेरस की खरीदारी करने आयेंगे.
धनतेरस पर बिक्री (करोड़ में)
ज्वेलरी : 225
वाहन : 195इलेक्ट्रानिक्स : 67बर्तन : 45.5मोबाइल : 1.5
ऑनलाइन : 3.5कपड़ा व अन्य : 140 करोड़लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति : 75 लाखजमीन की रजिस्ट्री : 16.5 करोड़
विद्युत झालर बत्ती : 24 लाखमाला-फूल : 5.4 लाखकुल अनुमानित बिक्री : 500.24 करोड़
(आंकड़े दुकानदारों के अनुमान पर आधारित है)आभूषणों की दुकानों में सोना-चांदी के सिक्कों की रही डिमांड
गोपालगंज. धनतेरस पर आभूषण दुकानों पर जमकर बिक्री हुई. 225 करोड़ का कारोबार हुआ. लोगों ने सोने-चांदी के जहां सिक्के खरीदे, वहीं आभूषण की बिक्री जोरों पर रही. सर्वाधिक भीड़ मेन रोड में आरपी ज्वेलर्स के यहां दिखी, जहां खुद शशि बी गुप्ता, मोहित कुमार गुप्ता ग्राहकों को संभालने में जुटे थे. ग्राहकों पर ऑफर की वर्षा भी होती रही. डायमंड की भी डिमांड रही. पहले से यहां बुकिंग वाले ग्रहकों को भी मुहूर्त में डिलीवरी की. चंद्र गोखुल रोड पर गुप्ता ज्वेलर्स में भी भीड़ लगी रही. ग्राहकों को दिक्कत नहीं हो, इसके लिए अमित कुमार ने खुद जुटे ग्राहकों को उनकी डिमांड के हिसाब से सोने व चांदी के सिक्कों की आपूर्ति की.ग्राहकों का भरोसा जीतने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही थी. मेन रोड में स्वर्ण मंदिर में अविनाश कुमार बिट्टू पहले से बुकिंग के अलावा आज के खरीदार भी बहुत थे. देर रात तक भीड़ लगी रही. पिछले वर्ष की अपेक्षा ज्वेलरी का वजन कम बिका. लेकिन राशि अधिक रही. ब्रह्म चौक पर लक्ष्मी ज्वेलर्स में देव कुमार खुद ग्राहकों को संभालने में जुटे रहे. वहीं, मौनिया चौक पर एपी ज्वेलर्स में भी काफी भीड़ रही. छूट का लाभ दे रहे थे. उधर, जादोपुर रोड में व्यहुत स्वर्ण महल में भी ग्राहकों की भीड़ लगी रही. शोरूम के संचालक अतुल कुमार ग्राहकों को उनकी डिमांड को पूरा करने में जुटे थे. कमोबेश यही स्थिति शहर व ग्रामीण बाजारों में दिखी.
चम्मच से लेकर डिनर सेट तक की रही मांग
बर्तन की बिक्री जोरों पर रही. चम्मच से लेकर डिनर सेट तक जहां बिके, वहीं जरूरत के बर्तन भी लोगों ने खरीदे. इस अवसर पर आधुनिक बर्तन भी लोगों की पसंद रही. ग्राहक अपने-अपने हिसाब से खरीदारी करने में जुटे रहे. ब्रह्म चौक पर स्थित लक्ष्मी बर्तन भंडार में परमा साह ने बताया कि पिछले वर्ष की अपेक्षा कारोबार में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. देर रात तक ग्राहकों की भीड़ दिखी.
आस्था ने बाजार को मंदी से उबारा, चेहरे पर आयी मुस्कान
गोपालगंज. धनतेरस पर बाजार न सिर्फ मंदी से उबरा, बल्कि परंपरा और आस्था के बीच मंगलवार को हुई बिक्री ने दुकानदारों के चेहरे पर रौनक दे गया. यह भी साबित कर गया कि महंगाई पर अब भी आस्था और हमारी परंपरा भारी है. आस्था की खरीदारी के बीच व्यवसाय और बाजार दमक उठा.
इस वर्ष जुलाई माह में लग्न के बाद से शुरू हुआ मंदी का दौर भी खत्म हो गया. धनतेरस पर्व दुकानदारों के चेहरे पर मुस्कान लेकर आया. दुकानदारों ने पर्व पर बिक्री की उम्मीद लिये न सिर्फ जमकर माल की खरीदारी की, बल्कि आधुनिक सामान के साथ दुकानों को दुल्हन की तरह सजाया भी. स्टील, प्लास्टिक, अनब्रेकेबल, शीट आदि बर्तनों का जमाना आने से जहां भारतीय संस्कृति के प्रतीक पीतल के बर्तनों का चलन कम हो गया था, अब फिर से चमक उठा है. इस बार बर्तन कंपनियों ने पीतल और फूल की डाली, कटोरी, गिलास, चम्मच वाले छोटे सेट से लेकर 51 पीस वाले पीतल के बर्तनों के सेट बाजार में उपलब्ध थे, जहां लोगों ने जमकर खरीदारी की. बाजार में उमड़ी भीड़ अटूट आस्था को प्रदर्शित करता रहा. लोगों ने अपने बजट के हिसाब से खरीदारी की. विदेशी करेंसी भी बाजार को समृद्ध बनाने में अहम भूमिका निभा रहा.धनतेरस पर पूजा के बर्तन पर भी रहा जोर
आस्था के बाजार में पूजा पात्र और मूर्तियों की खरीदारी पर भी लोगों का जोर रहा. लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति सहित पूजा बर्तनों की भी बिक्री परवान पर रही. इस दौरान लोगों ने सोने, चांदी और पीतल के लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदी. इसके अलावा तांबा, चांदी, पीतल के पूजा पात्र और दीप की बिक्री भी हुई.धनत्रयोदशी पर हुआ धन्वंतरि का पूजन
धनतेरस का पर्व मनाया गया. पूरे साल में यह दिन खरीदारी के लिए खास माना जाता है. इस दिन लोगों ने जमकर खरीदारी की तथा शाम को घरों की देहरियों, प्रतिष्ठानों में दीपमालाएं सजा कर कुबेर, धन्वंतरि और कोष की पूजा-अर्चना की गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

