गोपालगंज. जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने गुरुवार को गोपालगंज में जनसुराज उद्घोष यात्रा के तहत एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने कांग्रेस, बीजेपी और बिहार के विकास पर कई अहम सवाल उठाये. कांग्रेस की यात्रा पर कटाक्ष करते हुए पीके ने कहा कि कांग्रेस को जागने में 40 साल लग गये और यह जन सुराज का ही असर है कि अब दूसरे दलों के नेता जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 1985 में बिहार में कांग्रेस सत्ताधारी पार्टी थी, लेकिन उसे भी जगने में 40 साल लग गये. जन सुराज ने यह साबित किया है कि अगर राजनीतिक दल काम नहीं करेंगे, तो जनता उन्हें नकार देगी.
जनसुराज के आगमन से सभी दलों को बदलनी पड़ी रणनीति
राजद और बीजेपी के बारे में भी पीके ने तीखे बयान दिये. उन्होंने कहा कि राजद को मुसलमानों को अपना राजनीतिक बंधुआ मजदूर नहीं समझना चाहिए और बीजेपी को यह एहसास हुआ है कि सिर्फ हिंदू वोटों से उनकी सरकार नहीं चल सकती. जनसुराज के आगमन से सभी दलों को अपनी रणनीति बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
गृहमंत्री अमित शाह के दौरे पर बयान
पीके ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, अब बिहार में चुनाव हैं, तो अमित शाह जी को बिहार ही दिखेगा. उन्होंने बिहार के बच्चों के लिए गुजरात में काम करने की स्थिति पर चिंता जतायी और कहा, अगर गृह मंत्री को वाकई बिहार और बिहार के बच्चों की चिंता है, तो वे बिहार के बच्चों को गुजरात में मजदूरी में बराबरी दिलवाएं.
लालू फैमिली पर इडी कार्रवाई पर बोले
पीके ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चल रही इडी और सीबीआई की कार्रवाई पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि जब घोटाले का केस है, तो एजेंसियों को कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है. यह पहली बार नहीं है, जब लालू परिवार के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, बल्कि यूपीए सरकार के दौरान भी यह हो चुका था. प्रशांत किशोर ने बिहार की जनता से लोकतंत्र को पुनः मजबूत करने के लिए जन सुराज की दिशा में साथ देने की अपील की. मौके पर जनसुराज के जिलाध्यक्ष राधारमण मिश्र, जनसुराजी इं. विकास सिंह, फैज अहमद आदि मौजूद थे.
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