गोपालगंज. थावे महोत्सव में इस बार लोक संस्कृति की झलक दिखेगी. सात और आठ अप्रैल को आयोजित होने वाले इस महोत्सव में बॉलीवुड कलाकारों के साथ-साथ स्थानीय कलाकारों को भी अपनी कला की प्रस्तुति देने का मौका मिलेगा. महोत्सव के लिए जिला प्रशासन ने इस साल स्थानीय कलाकारों की भी अहम भूमिका सुनिश्चित की है. इसके लिए गोपालगंज और सीवान के 20 से अधिक स्थानीय कलाकारों की स्क्रीनिंग आयोजित की गयी. इनमें से फाइनल चयन जिलाधिकारी प्रशांत कुमार सीएच के द्वारा किया जायेगा.
आंबेडकर भवन में हुई स्क्रीनिंग
स्क्रीनिंग प्रक्रिया बुधवार को आंबेडकर भवन में आयोजित की गयी. इसमें विभिन्न विधाओं के कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया. इसमें गोपालगंज और सीवान जिले के कई नामी और उभरते हुए कलाकारों ने हिस्सा लिया. थावे के रहनेवाले लोक गायक निरंजन निराला, जो भजन की प्रस्तुति देंगे, इन्होंने इस स्क्रीनिंग में भाग लिया. स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष सरेया मुहल्ले की छात्रा आराध्या कुमारी ने भाव नृत्य के लिए अपनी कला प्रस्तुत की. हजियापुर के आशीष कुमार ने एकल गायन में भाग लिया और रंगमंच के वरिष्ठ कलाकार विपिन बिहारी श्रीवास्तव ने हास्य प्रस्तुति दी. खजुरिया के गायक राजेश मिश्रा ने भी भजन की प्रस्तुति दी, वहीं बराैली की कलाकार विप्रा चौबे ने कथक नृत्य का प्रदर्शन किया.
गोपालगंज की आराध्या कुमारी और शांति ओझा ने अपनी आवाज का जादू बिखेरा
गजल गायन में गोपालगंज की आराध्या कुमारी और शांति ओझा ने अपनी आवाज का जादू बिखेरा. गायन के अन्य प्रतिभागियों में गोपालगंज के कर्ण सिंह और मनीषा राज, सासामुसा की निधि कुमारी और सीवान के पचलखी के आयुष बाबू और धनजी कुमार यादव शामिल थे. इसके अलावा गोपालगंज के राजेंद्र नगर के विजय कुमार पांडेय और शिवम ओझा ने भी गायन के लिए अपनी प्रस्तुति दी. साथ ही, एसएस डांस एकेडमी के छात्रों ने सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति दी, जो महोत्सव में एक प्रमुख आकर्षण होगा. स्क्रीनिंग में भाग लेने वाले कलाकारों में गोपालगंज के पिंटू कुमार भी शामिल थे, जिन्होंने गायन के लिए अपनी कला का प्रदर्शन किया.
समिति ने सभी कलाकारों की प्रस्तुतियों का ध्यानपूर्वक किया मूल्यांकन
निर्णायक मंडल और स्क्रीनिंग कमेटी में जिला संस्कृति पदाधिकारी निवासन चंद्रामौली, राजू सिन्हा और विपिन बिहारी श्रीवास्तव शामिल थे. इस समिति ने सभी कलाकारों की प्रस्तुतियों का ध्यानपूर्वक मूल्यांकन किया और फाइनल चयन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अनुशंसा भेजी. थावे महोत्सव में लोक संस्कृति को बढ़ावा देने और स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान करने का यह प्रयास बहुत सराहा जा रहा है. इस महोत्सव के माध्यम से न केवल स्थानीय कलाकारों को पहचान मिलेगी, बल्कि यह आयोजन गोपालगंज और सीवान की सांस्कृतिक धरोहर को भी राष्ट्रीय स्तर पर पेश करने का एक अवसर होगा.
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