कुचायकोट (गोपालगंज). ऐतिहासिक बेलबनवा हनुमान मंदिर में महंत की दावेदारी को लेकर घमासान जारी है. इस बीच अयोध्या से पहुंचे दशरथ गद्दी के महंत बृजमोहन दास की शिकायत पर कुचायकोट के सीओ मंदिर पहुंचे, जहां बृजमोहन दास मंदिर के महंत होने का दावा करते हुए कागजात सीओ के सामने पेश की. बृजमोहन दास एवं उनके शिष्यों द्वारा आरोप लगाया गया कि यहां पूजा-पाठ के लिए जय प्रकाश दास को पुजारी के तौर पर रखा गया था. उनके द्वारा खुद को महंत घोषित कर मंदिर पर कब्जा कर लिया गया है. हमलोग आते हैं, तो मंदिर में घुसने नहीं दिया जा रहा. मंदिर के विश्राम कक्ष में ताला बंद कर दिया गया है. मंदिर की पूजा पाठ भी ठीक ढंग से नहीं हो रहा. मंदिर को दिन में भी बंद कर दिया जा रहा है. इससे भक्तों को कठिनाई हो रही है. हम लोग पिछले एक सप्ताह से होटल में या अन्य जगह भटक रहे हैं. सीओ की तरफ से यह निर्देश दिया गया कि मंदिर के विश्राम गृह को खोला जाये, ताकि कोई भी साधु-संत आएं, तो उन्हें ठहरने में कठिनाई न हो. मंदिर के वर्तमान पुजारी को निर्देश दिया कि अगले 10 दिनों में अपनी तरफ से साक्ष्य को उपलब्ध कराएं, नहीं तो बृजमोहन दास जी की तरफ से दिये गये कागजात को सही मानते हुए निर्णय लिया जा सकेगा. मंदिर की पूजा-पाठ पूर्व की तरह महंत जय प्रकाश दास की तरफ से रखे गये पुजारी द्वारा ही किया जायेगा. मंदिर के प्रथम तल को दिन में खोल कर रखने का निर्देश दिया गया. रात में भोग के बाद मंदिर का पट बंद हो जायेगा. सीओ के सामने ग्रामीणों ने रखा अपना पक्ष : ग्रामीणों ने मंदिर के महंत का दावा करने वाले बृजमोहन दास का विरोध करते हुए कहा कि इस मंदिर के निर्माणकर्ता ब्रह्मलीन रामाश्रय दास उर्फ नागा बाबा के द्वारा अपने शिष्य जयप्रकाश दास को मंदिर की जिम्मेदारी सौंपी थी. बजाप्ता नौ अगस्त, 2006 को मंदिर के परिसर में स्थानीय मुखिया रहे शिवनाथ प्रसाद, सामाजिक कार्यकर्ता बच्चा साह, सरपंच रबेया खातून समेत कई प्रबुद्ध लोगों के बीच पंचनामा व सह मजहरनामा लिख दिये थे. वह कागजात महंत जयप्रकाश दास के पास उपलब्ध है. फिलहाल षड्यंत्र रचकर गलत आरोप में फंसाया गया है, ताकि वह भय से मंदिर में न आ सकें. ऐसे में मंदिर पर आसानी से कब्जा किया जा सके. उनके आने पर संपूर्ण कागज उपलब्ध करा दिया जायेगा. मंदिर के करोड़ों की संपत्ति पर माफियाओं की है नजर : मंदिर के पास करोड़ों की जमीन है. उस जमीन पर जिले के कई माफियाओं की नजर है. महंत जयप्रकाश दास मंदिर में पूजा-पाठ के बाद बाकी किसी से कोई ताल्लुक नहीं रखते थे. अब माफिया महंत बृजमोहन दास को आगे कर काफी सक्रिय हो उठे हैं.
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