बिहार के गोपालगंज में एक युवक ने अपने दादा की हत्या का बदला हत्या के आरोपी को मौत के घाट उतारकर लिया. 43 साल पहले उसके दादा की हत्या हुई थी. तब उसका जन्म भी नहीं हुआ था. 34 साल के पोते ने दादा की मौत का बदला उनकी हत्या के 43 साल बाद लिया. जिसकी हत्या पोते ने की वो रामरतन सिंह (77 वर्ष) हैं. जबकि गिरफ्तार हत्यारोपित पोता संदेश कुमार (34 वर्ष) है जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
दादा की मौत का लिया बदला
विशंभरपुर थाने के सलेहपुर में रामरतन सिंह (77 वर्ष) की हत्या का पुलिस ने खुलासा किया है. उसी गांव के युवक संदेश कुमार को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि संदेश ने अपने दादा की हत्या का बदला लेने के लिए रामरतन सिंह को मार डाला. बताया कि उसके दादा की जब हत्या हुई तब संदेश का जन्म भी नहीं हुआ था.
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अपराधियों को भाड़े पर हायर करके करवायी हत्या
घटना को अंजाम देने के लिए संदेश ने यूपी के सहारनपुर से अपराधी को हायर किया था. एक मई को आधी रात के बाद गमछा से गला दबाकर रामरतन सिंह की हत्या कर दी गयी और शव को बांसबाड़ी में छिपा दिया. तीन मई को रामरतन के लापता होने की शिकायत परिजनों ने पुलिस से की और केस दर्ज कराया. चार मई को बांसबाड़ी से शव बरामद हुआ तो पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू की.
10 साल जेल में रहकर निकला तो छिपता रहा, हाल में ही लाैटा था गांव
गोपालगंज के एसपी अवधेश दीक्षित ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि मृत रामरतन सिंह और आरोपी संदेश कुमार सिंह दोनों आपस में पट्टीदार हैं. वर्ष 1982 में रामरतन सिंह ने जमीन के एक विवाद में जीता सिंह की हत्या कर दी थी. इस मामले में वो 10 साल तक जेल की सजा काट चुका है. संदेश कुमार जीता सिंह का ही पोता है. जेल से निकलने के बाद रातरतन सिंह यूपी चला गया जहां वो भावपुर में छिपकर रहने लगा था. कई साल तक वो वहीं रहा लेकिन वृद्ध हो जाने के बाद वो कुछ ही दिन पहले अपने गांव लौट आया था.
गांव लौटा तो पोते ने दादा की हत्या का लिया बदला
रामरतन सिंह ने यह सोचा भी नहीं होगा कि जीता सिंह के पोते के सीने में उसके दादा की हत्या के बदले की आग भी जल रही होगी. जब वो बीते दिनों अपने गांव लौटा तो संदेश कुमार ने अपने दादा की हत्या का बदला लेने अपराधी को भाड़े पर बुलाया और पूरी साजिश के तहत उसने रामरतन सिंह को मौत के घाट उतार दिया.
हत्या करके मृतक के परिजनों की कर रहा था मदद, धरी गयी चालाकी
घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी संदेश ने चालाकी शुरू की. वो मृत रामरतन सिंह के परिजनों के साथ मिलकर उनकी मदद भी करने लगा ताकि कोई उसपर हत्या का शक नहीं कर सके. लेकिन पुलिस ने जब जांच शुरू की तो संदेश कुमार की साजिश का खुलासा हो गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.