मांझा. प्रखंड की पुरैना पैक्स की लापरवाही किसानों पर भारी पड़ रही है. धान बेचने के लिए किसान रोजाना पैक्स का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन बार-बार आग्रह के बावजूद अब तक धान की खरीद शुरू नहीं की गयी है. इससे किसानों की परेशानी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और वे मानसिक व आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. पुरैना पैक्स अंतर्गत झझवा गांव के किसान हिदयानंद सिंह, बिशुनदेव सिंह, रामचंद्र सिंह, अवध किशोर सिंह व अन्य किसानों का कहना है कि कटाई के बाद धान खुले में रखा हुआ है. मौसम में हो रहे बदलाव और नमी के कारण धान खराब होने लगा है, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. समय पर खरीद नहीं होने से किसानों में आक्रोश व्याप्त है. किसान हृदयानंद सिंह ने बताया कि उन्होंने कई बार प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. मजबूरी में उन्हें लगभग 60 क्विंटल धान औने-पौने दाम पर बेचना पड़ा. अब भी उनके पास करीब 200 क्विंटल धान बिक्री के लिए शेष हैं. वहीं, इसी गांव के किसान विशुनदेव सिंह के पास 40 क्विंटल, रामचंद्र सिंह के पास 30 क्विंटल और प्रकाश सिंह के पास लगभग 50 क्विंटल धान पड़ा हुआ है, लेकिन पैक्स द्वारा खरीद नहीं की जा रही है. किसानों का कहना है कि यदि जल्द धान की खरीद शुरू नहीं हुई तो उनकी फसल पूरी तरह बर्बाद हो सकती है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि पैक्स की मनमानी पर रोक लगाते हुए धान खरीद की प्रक्रिया अविलंब शुरू करायी जाये, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके. इस संंबंध में बीसीओ ऋषिकेश राज ने कहा कि मामले की जानकारी मिली है और पैक्स अध्यक्ष से बात हुई है. स्थिति पर नजर रखी जा रही है. उन्होंने बताया कि अब तक 456 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है और शेष किसानों की समस्या के समाधान का प्रयास किया जा रहा है.
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