गोपालगंज. बिहार चिकित्सा संघ के आह्वान पर डॉक्टरों की तीन दिनों का हड़ताल शनिवार को समाप्त हो गया. तीसरे दिन भी सदर अस्पताल समेत जिलेभर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी सेवाएं बाधित रही. वहीं, मरीजों को डॉक्टरों की हड़ताल से पांच दिनों तक परेशानी होगी. रविवार और सोमवार को भी ओपीडी सेवाएं बंद रहेंगी. सोमवार को ईद को लेकर छुट्टी है, इसलिए ओपीडी सेवाएं मंगलवार से चालू होंगी. भासा के चिकित्सा संघ के जिला सचिव डॉ कैप्टन एसके झा ने कहा कि तीन दिनों के हड़ताल के दौरान डॉक्टरों ने मानवता को दिखाते हुए इमरजेंसी में सेवा दी, जबकि ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया गया, ताकि सरकार उनकी मांगों पर विचार कर सके. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की मांग सरकार से है, ताकि उन्हें सरकार से मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिल सके. चिकित्सक बायोमेट्रिक अटेंडेंस, भाव्या एप से मरीजों का रजिस्ट्रेशन और आवासीय सुविधाओं के बारे में लाभ मिल सके. इधर, हड़ताल की वजह से ओपीडी में इलाज कराने पहुंची जानकी देवी, सोनिया देवी, सीमा देवी, गीता देवी ने बताया कि बीमार बच्चों को लेकर इमरजेंसी वार्ड में भी चिकित्सक ने इलाज नहीं किया. और एसएनसीयू भेज दिया. एसएनसीयू में भी डॉक्टर सुबह में नहीं मिले, जिससे परेशानी हुई. वहीं, जादोपुर से इलाज कराने पहुंचे सीताराम साह ने बताया कि हड्डी रोग विशेषज्ञ के पास इलाज कराने और ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से ओपीडी में सेवाओं का लाभ लेने के लिए पहुंचा, लेकिन डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से इलाज नहीं हो सकी. वहीं, सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र प्रसाद ने कहा कि हड़ताल पर गये चिकित्सकों के वेतन कटौती के लिए अनुशंसा की जायेगी.
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