गोपालगंज. आरोग्य, समृद्धि और आर्थिक संपन्नता के त्योहार धनतेरस में अब अधिक दिन शेष नहीं हैं. 18 अक्तूबर के दिन भगवान धन्वंतरि, देवी लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की परंपरा है.
दीपावली के पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है. धनतेरस धन-संपत्ति, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक पर्व है. इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है, जो कि आयुर्वेद के देवता और देवताओं के चिकित्सक हैं. इन्हें भगवान विष्णु का अवतार भी माना जाता है. चूंकि ये समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर निकले थे. इसलिए इन्हें आरोग्य और स्वास्थ्य दोनों का प्रतीक माना जाता है. ज्योतिषाचार्य पं राजेश्वरी मिश्र ने बताया कि धनतेरस के दिन खरीदारी करना शुभ होता है. इस दिन कुछ विशेष खरीदी गयीं चीजें समृद्धि लेकर आती हैं.हर वर्ष चंद्रकाल, नक्षत्र और पंचांग एक दूसरे में घुल-मिल जाते हैं इसलिए सही दिन पर धनतेरस का पर्व मनाना और सही खरीदारी करना महत्वपूर्ण है. गोपालगंज में धनतेरस की तैयारियां भी शुरू हो गयी है. बाजार को भी इस धनतेरस से बेहतर होने की उम्मीद है. ज्वेलरी दुकानों में तो बुकिंग भी शुरू हो गयी है. मेन रोड में आरपी ज्वेलर्स के संचालक शशि बी गुप्ता ने बताया कि धनतेरस को लेकर बुकिंग के साथ ऑफर भी चल रहा है.
इन विशेष मुहूर्त में करें मां लक्ष्मी की पूजा
ब्रह्म योग :
यह योग 18 अक्तूबर की सुबह से लेकर रात 1:48 बजे तक रहेगा, जो धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है.त्रिपुष्कर योग :
यह योग सुबह 6:31 बजे से लेकर सुबह 10:31 बजे तक है, जिसमें किये गये कार्यों का तीन गुना फल प्राप्त होता है. इस योग में खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना जाता है.इंद्र योग :
यह योग सुबह 7:48 बजे तक है, जो देवताओं के राजा इंद्र की कृपा का प्रतीक है.वैधृति योग :
यह योग इंद्र योग के बाद शुरू होता है, जो धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है.उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र :
यह नक्षत्र शाम 6:34 बजे तक है, जो धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है.अभिजीत मुहूर्त :
यह मुहूर्त सुबह 11:43 से दोपहर 12:29 बजे तक है, जो धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है.केंद्र-त्रिकोण योग :
यह योग धनतेरस पर बन रहा है, जिसमें बुध का त्रिकोण योग और मंगल का केंद्र योग शामिल है, जो व्यापार और धन के लिए बहुत ही शुभ है.धनतेरस की तिथि और मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ : 18 अक्तूबर दोपहर 1:20 बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त : 19 अक्तूबर दोपहर 1:54 बजेपूजा मुहूर्त : शाम 7:16 बजे से रात 8:20 बजे तक
प्रदोष काल : शाम 5:48 बजे से रात 8:18 बजे तकडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

