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2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीइटी से छूट देने की उठायी गयी मांग, सौंपा ज्ञापन

मांझा/गोपालगंज. सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश से शिक्षकों में असमंजस और चिंता की स्थिति बन गयी है. कोर्ट ने कहा है कि सेवा में बने रहने के लिए सभी शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा.

मांझा/गोपालगंज. सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश से शिक्षकों में असमंजस और चिंता की स्थिति बन गयी है. कोर्ट ने कहा है कि सेवा में बने रहने के लिए सभी शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा. आदेश के मुताबिक, जो शिक्षक टीइटी पास नहीं कर पायेंगे, उनकी सेवा पर खतरा मंडरा सकता है. इस फैसले को लेकर अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की गोपालगंज इकाई ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम ऑफिस को सौंपा. संघ ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना के अनुसार, वर्ष 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीइटी से छूट दी गयी थी, जबकि 2010 के बाद नियुक्त शिक्षकों के लिए टीइटी अनिवार्य था. संघ ने मांग की है कि यह आदेश केवल भविष्य में लागू किया जाये और पूर्व में नियुक्त अनुभवी शिक्षकों की सेवा सुरक्षा एवं गरिमा सुनिश्चित की जाये, ताकि लाखों शिक्षकों को सेवा संकट और आजीविका के खतरे से बचाया जा सके.

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