गोपालगंज. छह नवंबर को जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों गोपालगंज, कुचायकोट, भोरे, हथुआ, बरौली और बैकुंठपुर में मतदान संपन्न हो चुका है. अब जिले में नतीजों को लेकर चर्चा चरम पर है. गांव-कस्बों से लेकर शहर की गलियों तक लोग नतीजों की संभावनाओं पर अटकलबाजी कर रहे हैं. यही माहौल बच्चों के बीच भी दिख रहा है. मतदान वाले दिन से ही बच्चे अपने घर में पिता, दादा, चाचा या बड़ी बहन से लगातार पूछ रहे हैं कि “ए पापा, ए बाबा…अपना इलाका में के जीती, केकर सरकार बनी?” “ए चाचा, रउवा पता बा कि केकरा ज्यादा वोट मिलल बा?” परिवार वाले मुस्कराते हैं, पर उत्तर देने में हिचकते हैं. बच्चे कहीं से सुनी हुई बात को दोहराते हैं, मोबाइल पर चल रहे वीडियो को लेकर सवाल पूछते हैं. नतीजे आने तक उनकी उत्सुकता हर पल बढ़ रही है. इसी बीच घर के बड़े लोग बच्चों को समझाते हैं कि नतीजा मतगणना के बाद ही स्पष्ट होगा. बच्चे यह बात सुन लेते हैं, पर पांच-दस मिनट बाद जो सामने दिख रहा फिर वही सवाल दाग देते हैं. मतदान के गंभीर माहौल में बच्चों की यह मासूम जिज्ञासा घर के वातावरण को हल्का भी कर रही है और यह भी संकेत दे रही है कि लोकतंत्र की सीख घर से ही शुरू होती है. कम उम्र में ही चुनाव प्रक्रिया के प्रति रुचि पैदा हो जाती है.
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