गोपालगंज. शहर में प्रदूषण का स्तर ज्यादातर समय तक 200 या उससे अधिक रह रहा है. शहर में उड़ती धूल, वाहनों से निकलने वाले धुएं और ओस को इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है.
विशेषज्ञों का कहना है कि बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सेहत के लिए यह ज्यादा खतरनाक है. उन्होंने मॉर्निंग वॉक से परहेज करने की भी सलाह दी है. शहर में वर्तमान समय में कई जगहों पर निर्माण और विकास कार्य हो रहे हैं. दिवाली के समय एक्यूआइ बढ़ने के बाद बारिश से यह सामान्य हो गया था. इसके बाद फिर अचानक एक्यूआइ का ग्राफ बढ़ा है. सर्दी के मौसम में अलग-अलग कारणों से एक्यूआइ बढ़ने की आशंका रहती है. इस बीच शादी के कारण शहर में खरीदारी करने आने वाले लोगों के वाहनों के कारण धूल और धुआं दोनों फैल रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है 200 से 250 के बीच एक्यूआइ खराब श्रेणी में माना जाता है.अस्थमा, एलर्जी, साइनस, फेफड़ों का संक्रमण का खतरा
मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय बताते हैं कि ठोस और तरल कणों और हवा में मौजूद कुछ गैसों के कारण एक्यूआइ बढ़ता है. ये कण और गैसें कार और ट्रक के धुएं, हाइवे के निर्माण, सड़क निर्माण के कारण धूल और पराली जलाने के कारण प्राय: अधिक आते हैं. वायु प्रदूषण के कारण अस्थमा, एलर्जी, साइनस, फेफड़ों का संक्रमण, फेफड़ों का कैंसर, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और वातस्फीति जैसी बीमारियों की आशंका रहती हैं.सांस लेने और आंखों में जलन की शिकायत
हाल के दिनों में सांस लेने और आंखों में जलन की शिकायत लेकर लोग अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. सदर अस्पताल के फिजीशियन डॉ शशि रंजन प्रसाद ने बताया कि वायु प्रदूषण की स्थिति हो तो बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है. संक्रमण, अस्थमा और हृदय रोगियों को भी सतर्क रहना चाहिए.नवंबर में औसतन एक्यूआइ 56 प्रतिशत
नवंबर में अब तक औसतन एक्यूआइ 55.55 दर्ज किया गया है. जबकि यह 257 होने से लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है. कुचायकोट के फुलवरिया में सुबह सात बजे एक्यूआइ 180 दर्ज किया गया. गांव में इस प्रदूषण को लेकर गंभीर चिंता की बात मानी जा रही. जबकि दोपहर में हजियापुर में 201 एक्यूआइ रहा, तो राजेंद्र नगर में 233, पुलिस लाइन में 207 रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

