गोपालगंज. सोमवार को कड़ी प्रशासनिक सतर्कता और राजनीतिक गहमा-गहमी के बीच जिला परिषद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव संपन्न कराया गया. कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में निर्धारित समय पर चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई. जिला पदाधिकारी सह निर्वाचन पदाधिकारी पवन कुमार सिन्हा की मौजूदगी में चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से कराया गया.
अध्यक्ष पद के लिए जिला परिषद के उपाध्यक्ष अमित कुमार राय उर्फ अंकू राय तथा मांझा की जिला परिषद सदस्य दीपिका सिंह ने नामांकन दाखिल किया. नामांकन के बाद मतदान कराया गया. मतगणना के दौरान कुल मतों में अमित कुमार राय उर्फ अंकू राय को 19 वोट प्राप्त हुए, जबकि दीपिका सिंह को 12 वोट मिले. इस तरह अमित कुमार राय ने 7 मतों के अंतर से जीत दर्ज करते हुए जिला परिषद अध्यक्ष पद पर निर्वाचित घोषित किए गए.चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद जिला पदाधिकारी ने नवनिर्वाचित जिला परिषद अध्यक्ष सहित उपस्थित सदस्यों को नशामुक्ति की शपथ दिलाई. उन्होंने नशामुक्त समाज के निर्माण के लिए सभी जनप्रतिनिधियों से सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया. इस अवसर पर अपर समाहर्ता, लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी रोहित कुमार, पंचायती राज पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार, अवर निर्वाचन पदाधिकारी सुशांत कुमार सहित अन्य वरीय पदाधिकारी, जिला परिषद सदस्य एवं संबंधित कर्मी उपस्थित रहे. पूरी चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराई गई.
जिले की सभी विस सीटों पर एनडीए का कब्जा
भले ही यह चुनाव दलगत नहीं था, लेकिन राजद के पूर्व विधायक किरण राय के पुत्र व जिला परिषद के उपाध्यक्ष अमित कुमार राय उर्फ अंकू राय के समर्थन में राजद ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. वहीं, भाजपा की ओर से भाजपा नेता विकास सिंह की पत्नी दीपिका सिंह अध्यक्ष पद की दावेदार थीं, लेकिन उन्हें मात्र 12 मतों से ही संतोष करना पड़ा. राजद ने परचम लहराते हुए जिला परिषद अध्यक्ष पद पर कब्जा जमा लिया.गौरतलब है कि विधानसभा की जिले की सभी छह सीटों पर एनडीए का कब्जा है. ऐसे में इस हार को एनडीए के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. चुनाव से पहले एनडीए के कई दिग्गजों ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस चुनाव से खुद को अलग कर लिया था. वहीं कुछ नेताओं पर अंदरखाने भाजपा समर्थित उम्मीदवार के खिलाफ घात करने के आरोप भी लग रहे हैं.
2001 से था अध्यक्ष पद पर एनडीए का कब्जा
जिला परिषद अध्यक्ष पद पर 2001 से एनडीए का कब्जा रहा है. इस बार करारी हार मिली है. 2001 में राजद के गढ़ में अमरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय को सांसद रहे रघुनाथ झा का समर्थन मिला और अध्यक्ष पद पर काबिज हुए़ उसके बाद से जब वे 2005 में कटेया से विधायक बने तो 2006 में उनकी भाभी उर्मिला पांडेय अध्यक्ष चुनी गयी. 2011 में चंदा देवी अध्यक्ष चुनी गयी. 2016 में विधायक अमरेंद्र पांडेय के भतीजा मुकेश पांडेय अध्यक्ष बने. 2021 में भाजपा से सुबास सिंह अध्यक्ष बने. सुबास सिंह के विधायक बनने के बाद इस सीट पर राजद ने कब्जा जमा लिया.अब उपाध्यक्ष पद के लिए होगा चुनाव
जिला परिषद के उपाध्यक्ष अमित कुमार राय उर्फ अंकू राय के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने के बाद अब उपाध्यक्ष का पद रिक्त हो गया है. जानकारों का मानना है कि अब उपाध्यक्ष पद का भी चुनाव कराना होगा. डीएम की रिपोर्ट के बाद सरकार से उपाध्यक्ष के चुनाव कराने का आदेश व तिथि जारी होगी. अभी जिला परिषद का चुनावी दौर खत्म नहीं हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

