गोपालगंज. छह से 14 वर्षों के शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ने का कार्य करने वाले अनुसेवकों में काफी आक्रोश है. नेतृत्व करते हुए प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुमार सिंह ने बताया कि हम लोग सरकार ने दिनांक 26 फरवरी 2016 के पूर्व न्यायालय गये. लेकिन बाद में न्यायालय गये लोगों का समायोजन न्यायालय के आदेश के बाद भी नहीं किया जा रहा है. जबकि शेष बचे अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशक भी समान योग्यता रखते हैं. बिहार लिटिगेशन एक्ट 2001 के अनुसार समान लोगों को आदेश के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता. इस आधार पर सरकार शेष बचे भूतपूर्व अनौपचारिक सह विशेष शिक्षा अनुदेशकों का शीघ्र समायोजन करने की मांग पूरी करे, अन्यथा बाध्य होकर सारे अनुदेशक आमरण अनशन एवं आत्मदाह करने पर उतारू हो जायेंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी. समायोजन नहीं होने की स्थिति में अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशक एवं उनके परिवार आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार का विरोध करेंगे.
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