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कोर्ट में तेजाब कांड के पीड़ित ने कहा, हुजूर ! जमीन बेच कर इलाज में पैसा लगा दिया, फिर भी नहीं हुआ रिकवर

नगर थाने के अमवां गांव में हुए चर्चित तेजाब कांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -10 मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट में अंतिम सुनवाई चल रही थी. ट्रायल के अंतिम दिन दोनों पक्षों की ओर से गवाही व साक्ष्य-सबूत दिये जा रहे थे. उसी क्रम में सफदरजंग अस्पताल दिल्ली से इलाजरत तेजाब पीड़ित को कोर्ट के सामने जब प्रस्तुत किया गया, तो मौजूद अधिवक्ता व कोर्ट कर्मी भाव विह्वल हो उठे.

गोपालगंज. नगर थाने के अमवां गांव में हुए चर्चित तेजाब कांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -10 मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट में अंतिम सुनवाई चल रही थी. ट्रायल के अंतिम दिन दोनों पक्षों की ओर से गवाही व साक्ष्य-सबूत दिये जा रहे थे. उसी क्रम में सफदरजंग अस्पताल दिल्ली से इलाजरत तेजाब पीड़ित को कोर्ट के सामने जब प्रस्तुत किया गया, तो मौजूद अधिवक्ता व कोर्ट कर्मी भाव विह्वल हो उठे. कोर्ट में पीड़ित उज्ज्वल राय के पक्ष को रखते हुए उनके अधिवक्ता राकेश शर्मा ने कहा कि हुजूर 13 कट्ठा जमीन के लिए विवाद में तेजाब से नहलाकर तीन लोगों को घायल कर दिया गया. उज्ज्वल सबसे अधिक 93% जल गया. उसे बचाने के लिए परिवार के लोगों ने जमीन बेच कर पैसा इलाज में लगा दिया. कर्ज लेकर अब इलाज करा रहे हैं. बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर, पीजीआइ लखनऊ, एम्स दिल्ली, सफदरजंग, चेन्नई तक इलाज करा चुके हैं. अभी भी सफदरजंग में इलाजरत है. पीड़ित युवक कोर्ट में पल भर खड़ा तक नहीं हो पा रहा था. उसकी दशा को देख कई लोगों की आंखें तक नम हो गयीं. कोर्ट में अपर लोक अभियोजक अशोक कुमार गुप्ता व बचाव पक्ष के अधिवक्ता अबू समीम, धनराज सिंह की ओर से अपना साक्ष्य व सबूत उपलब्ध कराया गया. कोर्ट की सुनवाई पूरा होने के बाद अब फैसला आठ अगस्त को आयेगा. नगर थाने के अमवां गांव में नौ जून 2021 को महज 13 कठ्ठा जमीन के लिए तेजाब कांड हुआ. पीड़ित श्रीरात राय का आरोप है कि सुबह सात बजे गांव के ही शंभू भगत, सुदामा भगत के परिवार के लाेग उनके 13 कट्ठ जमीन को जोतने लगे. जब मना करने के लिए श्रीराम राय गये तो उनको घेर कर मारने लगे. उनके चिल्लाने पर उज्जवल कुमार, उनके पिता जय किशोर राय, आयुष राज पहुंचे. अभी कुछ समझ पाते की शंभू भगत, उनकी पत्नी चंद्रावती देवी, बेटा नन्हे, सुदामा भगत उनकी पत्नी शांति देवी, उनका पुत्र गोलू ने तेजाब से हमला कर दिया. उसी दौरान उज्जवल को पकड़कर तेजाब भरे मग से नहला दिया. जबकि तेजाब से आयुष व श्रीराम राय भी घायल हो गये. तेजाब से हमला के बाद तीनों घायलों को लेकर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. प्राइमरी इलाज के बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया. जहां आयुष व श्रीराम राय रिकवर हो गये. लेकिन उज्जवल के 93% के जलने से उसकी स्थिति नाजुक थी. उसे पीजीआइ रेफर कर दिया गया. बाद में पीजीआइ ने भी एम्स दिल्ली भेज दिया. जितना जमीन के लिए विवाद हुआ, उसके कई गुना जमीन बेचकर इलाज में लगा दिया. उससे भी नहीं हुआ, तो लाखों का कर्ज लेकर इलाज में लगा दिया. पीड़ित के वकील राकेश शर्मा ने कहा कि तेजाब पीड़ितों को इलाज के लिए सरकार की ओर से सभी पेमेंट मिलने का प्रावधान है. लोक अदालत के पहल पर उज्जवल के इलाज में 3.50 व सात लाख का मुआवजा मिल सका है. जबकि एक करोड़ रुपये तक की खर्च जमीन बेचकर परिजन कर चुके हैं. सरकार को पीड़ित परिजनों को मुआवजा देना चाहिए.

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