गोपालगंज : शराब के नशे में धुत्त रहनेवाले लोग आज उसके नाम से घृणा करते हैं. यह किसी चमत्कार से कम नहीं है. किसी ने जोर जबरदस्ती नहीं की, बल्कि एक हादसे ने सबकी आंखें खोल दी. गांव में चौपाल लगा कर शराब नहीं पीने का गांव के नशेड़ियों ने संकल्प लिया. अब गांव का माहौल बदल गया है. शहर से पांच किमी दूर एकडेरवा पंचायत के मैनपुर चरगाहा टोला आज पूरी तरह से शराबमुक्त बन गया है. दरअसल गांव के 60 फीसदी मर्द शराब के नशे में धुत्त रहते थे
कमाई का 70 फीसदी रकम शराब पर खर्च कर देते थे. घर लौटने पर शराब के नशे में महिलाओं के साथ गाली-गलौज, तो पड़ोसियों के साथ आये दिन झड़प करते रहते थे. पूरा माहौल बिगड़ चुका था. महिलाओं पर भी उत्पीड़न की घटनाएं कम नहीं थी. गांव का ही बिरेश प्रसाद, जो पूरे दिन साइकिल से अखबर बेचता था और शाम में कमाई के आधे पैसे का शराब पी जाता था. यह रोजमर्रा में शामिल था. पिछले पांच जून को वह शराब पीकर घर पहुंचा. छत पर गया, जहां से नशे की हालत में वह समझ नहीं पाया और छत से गिर गया. लगातार इलाज के बाद भी उसका एक पैर काम नहीं कर रहा. पूरी तरह से बिस्तर पर पड़ा हुआ है. फिलहाल बिरेश पूरी तरह से लाचार है. दस साल पहले बिरेश की शादी हुई थी. दो बेटे और एक मासूम बेटी है. परिवार पूरी तरह से टूट चुका है. इस घटना ने गांववालों की आंखें खोल दी.
युवाओं ने शराबमुक्त बनाने का उठाया बीड़ा : बिरेश के साथ हुए हादसे ने युवाओं को झकझोर दिया. उन्हें भी लगा कि कल इससे भी बड़ा हादसा हो सकता है. पड़ोसी कैलाश प्रसाद जो खुद अखबार बेचता था और शराब पी कर घर लौटता था, उसने सबसे पहले शराब नहीं पीने की कसम खायी. कैलाश ने गांव के लोगों को इकट्ठा किया. बजाप्ता चौपाल का आयोजन किया. गांव के सभी लोगों ने शराब से तौबा कर लिया. अब प्रत्येक माह गांव में इसकी समीक्षा भी चौपाल लगा कर की जाती है. बैठक में गांव की तेतरा देवी, कुवदरा देवी, ललन साह, बिजली चौधरी, संतोष प्रसाद, सूरज भगत, योगेंद्र, राम प्रवेश तथा सुरेश प्रसाद की भूमिका अहम है.
सरकारी भूमि पर कब्जा को लेकर हिंसक झड़प
थावे ़ सरकारी जमीन पर कब्जा को लेकर दो पक्षों के बीच मारपीट में तीन लोग घायल हो गये. घायलों को स्थानीय अस्पताल में भरती कराया गया है, जहां इलाज चल रहा है. वहीं एक घायल की स्थिति खराब होने पर सदर अस्पताल गोपालगंज लाया गया जहां इलाज हो रहा है. थावे थाना क्षेत्र के लोहरपट्टी गांव के समीप स्थित सरकारी जमीन पर गांव के ही कुछ लोग कब्जा करने के नियत से विवादित जमीन पर नीव खोद कर दीवार खड़ी करने लगे, तभी गांव के ही कुछ लोग इसका विरोध करने लगे़ इसको लेकर दो पक्षों में मारपीट हो गयी, जिसमें गांव के किसान सहित तीन लोग घायल हुए हैं.
हालांकि इस संबंध में गांव के लोग स्थानीय सीओ को जमीन के बारे में विवादित होने की जानकारी दी थी.