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4.21 लाख घरों में नहीं बना शौचालय

गांव में आज भी लोटा परेड करने को बाध्य हैं ग्रामीण खुले में शौच करने से नहीं मिल पा रही लोगों को मुक्ति गोपालगंज : खुले में शौच यानी बीमारियों को न्योता देना है. खुले में शौच रोकने के लिए प्रधानमंत्री की तरफ से प्रयास किया जा रहा है, लेकिन धरातल पर स्थिति सिफर है. […]

गांव में आज भी लोटा परेड करने को बाध्य हैं ग्रामीण

खुले में शौच करने से नहीं मिल पा रही लोगों को मुक्ति
गोपालगंज : खुले में शौच यानी बीमारियों को न्योता देना है. खुले में शौच रोकने के लिए प्रधानमंत्री की तरफ से प्रयास किया जा रहा है, लेकिन धरातल पर स्थिति सिफर है. आज भी जिले के 572111 घरों में से 3.87 लाख घरों में शौचालय नहीं है. शौचालय बनाने के लिए हर परिवार चाहता है. सभी लोग चाहते हैं कि स्वच्छता के साथ जीवन को बिताएं.
आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं होने के कारण शौचालय का निर्माण नहीं हो पा रहा है या शौचालय निर्माण के प्रति ग्रामीणों की उदासीनता भी इस मामले में कम नहीं है. शौचालय नहीं होने के कारण गांव की सड़कों पर जहां-तहां लोग शौच कर देते हैं. इससे पूरा माहौल प्रदूषित रहता है. आज स्थिति यह है कि शहर के आसपास के गांवों की सड़कें स्थिति की पोल खोल रही हैं.
हर घर में शौचालय का लक्ष्य : स्वच्छता अभियान के तहत हर घर में शौचालय बनाने का लक्ष्य है. इसके लिए प्रधानमंत्री की तरफ से वर्ष 2014 में पांच साल का समय रखा गया था. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पीएचइडी ने जिले में शौचालयों का सर्वे कराया. सर्वे में पाया गया कि 5.72 में से 3.87 लाख घरों में आज भी शौचालय नहीं है. इन घरों में शौचालय बनाने के लिए विभाग ने पांच साल का लक्ष्य चुनौती के रूप में लिया है.
क्या है शौचालय बनाने का नियम:
सरकार की तरफ से शौचालय बनाने पर 10 हजार और 12 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है. वैसा शौचालय जिसमें पानी टंकी नहीं है. उसके लिए 10 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है. पानी टंकीवाले शौचालय को 12 हजार रुपये देने का प्रावधान है. इसके लिए पंचायत से फाॅर्म लेकर भरने के बाद मुखिया के पास जमा करना है. मुखिया भौतिक सत्यापन कर उसकी अनुशंसा प्रखंड को-ऑर्डिनेटर को करेंगे. प्रखंड को-ऑर्डिनेटर कोर ग्रुप को अनुशंसा करते हैं. पीएचइडी से राशि मुखिया के खाते में भेजी जाती है. मुखिया संबंधित लाभुक के खाते में अनुदान की राशि देते हैं.
विभाग की तरफ से चयनित 16 पंचायत फेल : स्वच्छता अभियान के तहत पहले चरण में जिले की 234 पंचायतों में 42 पंचायतों का चयन विभाग ने किया, जिनमें से 16 पंचायत पूरी तरह से फेल हो गयीं. 26 पंचायतों में से 5218 घरों में शौचालय का निर्माण शुरू होने की रिपोर्ट मिली. 3378 घरों में शौचालय निर्माण की जांच करते हुए पहली किस्त के रूप में सात हजार रुपये का अनुदान वर्ष 2014 से अब तक विभाग ने दिया है.

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