कहीं एंबुलेंस फंसा, तो कहीं छटपटाते रहे स्कूली बच्चेमहाजाम : साल के अंतिम सोमवार को भी पग-पग बढ़ने के लिए रहा लंबा इंतजार बनती रही नीति, शहर को नहीं मिला जाम से निजातफोटो – 4जाम के रूप में अपनी पहचान बना चुका वर्ष 2015 का आखिरी सोमवार भी एक बार फिर शहरवासियों को महाजाम से तार-तार कर गया. विगत डेढ़ वर्षों से जाम से निबटने के लिए प्रशासन की नीतियां बनती रही हैं, लेकिन बनती नीतियों के साथ जाम का लगना बढ़ते गया है. सोमवार को एक बार फिर महाजाम में आम राहगीरों के साथ कहीं मरीज एंबुलेंस में तड़पते रहे, तो कहीं स्कूली बच्चे भूख-प्यास से छटपटाते रहे. गोपालगंज. दिन के 11 बजे हैं. जंगलिय मोड़ का इलाका गाड़ियों से खचाखच जाम है. हर तरफ शोर है तथा निकलने की बेचैनी है. पुलिस के जवान सीटी बजा रहे हैं, लेकिन हालात में परिवर्तन नहीं है. आगे बढ़ने पर यही हाल हॉस्पिटल रोड का है. पग-पग बढ़ने के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. यह नजारा था सोमवार को शहर का, जहां महाजाम से शहर पहुंचने वाला हर व्यक्ति व्याकुल था. दिन के 10 बजे से ही शहर में जाम का जो सिलिसला शुरू हुआ वह शाम 5 बजे तक कायम रहा. सोमवार को कोई शहर आने पर पश्चाताप कर रहा था, तो कोई प्रशासन व व्यवस्था को कोस रहा था. जाम में एंबुलेंस जहां फंसा रहा, वहीं एक दर्जन से अधिक स्कूलों की गाड़ियां भी फंसी रहीं. पोस्टऑफिस मोड़ से आंबेडकर चैक, हॉस्पिटल रोड, घोष मोड़, स्टेशन रोड, पुरानी चैक रोड, जादोपुर रोड़, मौनिया चैक से थाना रोड जाम से कौंधता रहा. जाम का दर्द आम से खास तक को सहना पड़ा. यह जाम कोई पहली बार नहीं है. जाम के लिए प्रशासन अब तक कई बार नीति तो बना चुका है, लेकिन वह धरातल पर कभी उतरी ही नहीं. नीति बनने के साथ ही खत्म भी हो जाती है और शहरवासी जाम से जूझते रहते हैं. क्या है जाम का निदान शहर की मुख्य सड़कों पर बने डिवाइडर.शहर की सड़कों को कराया जाये अतिक्रमणमुक्त.चौराहे पर हो ट्रैफिक नियमों का पालन.हटाये जाएं अवैध स्टैंड.अवैध पार्किंग पर लगे रोक.शहर में बनाये जाएं एक दर्जन वाहन पड़ाव.चौराहों पर हो ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था.मुख्य मार्गों को बनाया जाये वनवे.सोमवार को शहर में होनेवाली भीड़चरिपहया वाहन -2200मोटरसाइकिल – 8500कॉमर्शियल वाहन – 1200साइकिल, रिक्शा, ऑटो – 6000अवैध स्टैंड – एक दर्जनक्या कहते हैं अधिकारी -शहर में जाम से निबटने के लिए बैठक कर रणनीति बनायी गयी है. कई लोगों को जिम्मेवारी सौंपी गयी है. जल्द ही उसे क्रियान्वित कर इस समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रयास किया जायेगा. नये वर्ष में शहर की यातायात व्यवस्था बदली होगी.मृत्युंजय कुमार, एसडीआे
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कहीं एंबुलेंस फंसा, तो कहीं छटपटाते रहे स्कूली बच्चे
कहीं एंबुलेंस फंसा, तो कहीं छटपटाते रहे स्कूली बच्चेमहाजाम : साल के अंतिम सोमवार को भी पग-पग बढ़ने के लिए रहा लंबा इंतजार बनती रही नीति, शहर को नहीं मिला जाम से निजातफोटो – 4जाम के रूप में अपनी पहचान बना चुका वर्ष 2015 का आखिरी सोमवार भी एक बार फिर शहरवासियों को महाजाम से […]
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