28 करोड़ धरती निगल गयी या आसमान खा गया किसानों को न फसल क्षतिपूर्ति मिली और न ही डीजल सब्सिडीबीज अनुदान भी नही पहुंचा खाते मेंविभाग कर रहा वितरण का दावाप्रकृति का दंश झेल रहे किसानों के दर्द पर मरहम लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 23 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति दी गयी. सूखे से निबटने के लिए पांच करोड़ की डीजल सब्सिडी भी बांट दी गयी. कृषि विभाग अनुदान वितरण का दावा कर रहा है. उधर, किसान उन पैसों के लिए कार्यालयों की खाक छान रहे हैं. आखिर इन पैसों का हुआ क्या? यह सवाल जिले में आंदोलन का रूप ले रहा है.गोपालगंज. 28 करोड़ रुपये का अनुदान धरती निगल गयी या आसमान खा गया. एक तरफ कृषि विभाग कृषि अनुदान वितरण का दावा कर रहा है, तो दूसरी तरफ प्रखंड कार्यालय और बैंकों का चक्कर काटते-काटते किसानों की चप्पलें घिस गयी हैं. 30 मार्च, 2015 को बारिश द्वारा रबी फसल में मचायी गयी तबाही में जिले के 90 फीसदी गेहूं की फसल बरबाद हो गयी. उपज देख दो किसानों की मौत भी सदमे के कारण हो गयी. किसानों के जख्म पर मरहम लगाते हुए किसानों को फसल क्षतिपूर्ति के लिए 23.86 करोड़ के अनुदान का आवंटन मिला. अधिकतर किसान आज भी मुआवजे की उम्मीद में खाक छान रहे हैं. इसी तरह खरीफ फसल के समय बारिश नहीं होने के कारण डीजल सब्सिडी के रूप में 5.11 करोड़ की राशि जिले को आवंटित हुई. विभाग ने राशि बांट कर अपनी जिम्मेवारी समाप्त कर ली है, लेकिन किसान दौड़ लगा रहे हैं. बैकुंठपुर में किसानों ने किया था प्रदर्शनडीजल अनुदान, फसल क्षतिपूर्ति और रबी बीज अनुदान के लिए बैकुंठपुर में किसानों ने उग्र प्रदर्शन किया था. यहां अधिकतर किसानों की राशि का भुगतान ही नहीं किया गया है. बरौली, मांझा और थावे की भी स्थिति अच्छी नहीं है. थावे में तो विभाग ने चयन सूची ही नहीं भेजी थी. वहीं, मांझा में भैंसही, निमुइया सहित तीन पंचायतों के 671 किसानों के अभी तक आवेदन स्वीकृत भी नहीं किये गये हैं. इसके लिए धरना और प्रदर्शन का दौर जारी है. एक नजर में डीजल सब्सिडी और अनुदानफसल क्षतिपूर्तिकुल प्राप्त आवेदन – 1.12 लाखकुल प्राप्त आवंटन-23.86 करोड़कुल वितरित राशि – 23 करोड़, 59 हजारलाभुकों की संख्या – 79823फसल क्षतिवाली भूमि का रकबा- 18878.6 हेक्टेयरधरातल पर लाभ – 55 फीसदीडीजल सब्सिडीकुल प्राप्त आवेदन – 96137चयनित लाभुकों की संख्या-77610कुल प्राप्त आवंटन-5.11 करोड़राशि प्राप्त करनेवाले किसानों की वास्तविक संख्या- 55 फीसदी (किसानों के अनुसार)क्या कहता है विभागमेरे यहां से राशि ससमय भेज दी गयी है. बहुत किसानों की राशि बैंकों की लापरवाही से किसानों के पास नहीं पहुंची है. इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की गयी है. जल्द ही राशि किसानों के खाते में होगी. डॉ वेदनारायण सिंह, डीएओ
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28 करोड़ धरती निगल गयी या आसमान खा गया
28 करोड़ धरती निगल गयी या आसमान खा गया किसानों को न फसल क्षतिपूर्ति मिली और न ही डीजल सब्सिडीबीज अनुदान भी नही पहुंचा खाते मेंविभाग कर रहा वितरण का दावाप्रकृति का दंश झेल रहे किसानों के दर्द पर मरहम लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 23 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति दी गयी. सूखे से […]
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