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इतिहास को क्रमवार व महत्वपूर्ण बिदुंओं को नोट करते हुए पढ़े

इतिहास को क्रमवार व महत्वपूर्ण बिदुंओं को नोट करते हुए पढ़ेसंवाददाता, पटना इतिहास मूल रूप से तथ्यों का विषय है. इसमें आप जितना ही सटीक तरीके से उत्तर देंगे. उतने ही अच्छे अंक मिलेंगे. इसके लिए जरूरी है कि उसे क्रमवार पढ़े .साथ ही जब भी पढ़े उसके महत्वपूर्ण बिंदुओं को नोट कर लें. ऐसा […]

इतिहास को क्रमवार व महत्वपूर्ण बिदुंओं को नोट करते हुए पढ़ेसंवाददाता, पटना इतिहास मूल रूप से तथ्यों का विषय है. इसमें आप जितना ही सटीक तरीके से उत्तर देंगे. उतने ही अच्छे अंक मिलेंगे. इसके लिए जरूरी है कि उसे क्रमवार पढ़े .साथ ही जब भी पढ़े उसके महत्वपूर्ण बिंदुओं को नोट कर लें. ऐसा करने से आप उस टॉपिक से सभी सवालों के उत्तर आसानी से कर पायेंगे. इसके अलावा उत्तर देते वक्त केवल यह ध्यान रखने की जरूरत है कि जितने अंकों के प्रश्न हैं, उसके अनुसार ही उत्तर दें. ज्यादा लिखने की कोशिश नहीं करें. साथ ही विभिन्न काल खंडों की महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में अच्छी तरह से पढ़ लें और सिलसिलेवार तरीके से उनका उत्तर देन का अभ्यास पहले ही कर लें. ये कहना है इतिहास विशेषज्ञ रिटायर्ड प्रोफेसर आशा त्रिपाठी और आरकेडी कॉलेज के प्रोफेसर रामाकांत शर्मा का. वे शुक्रवार को प्रभात खबर की ओर से आयोजित टेली काउंसेलिंग में विद्यार्थियों के सवालों का जवाब दे रहे थे. पूछे गये सवाल1़ किस प्रकार के प्रश्न पूछे जायेंगे?गुड़िया, समस्तीपुर पिछली बार जिस पैटर्न पर सवाल पूछे गये थे, उसी पैटर्न पर इस बार भी पूछे जायेंगे. तीन सेक्शन में सवाल पूछे जायेंगे. सेक्शन ‘ए’ में ऑब्जेक्टिव 40 अंकों के होंगे. एक से 30 तक एक-एक अंकों के सवाल पूछे जायेंगे. फिर 35वां प्रश्न छह अंकों का होगा. इसके बाद सेक्शन ‘बी’में 10 प्रश्न कुल 3 अंक के पूछे जायेंगे, जो लघु उत्तरीय होंगे. फिर सेक्शन ‘सी’ में पांच प्रश्न होंगे छह-छह अंकों के होंगे, जो दीर्घ उत्तरीय होंगे. प्राचीन काल, मध्य काल और आधुनिक काल से प्रश्न पूछे जायेंगे.2़ लंबे प्रश्नों के उत्तर कैसे दें? आशीष, दरभंगालघु उत्तरीय कभी भी तीन से चार पंक्तियों में नहीं होने चाहिए. दीर्घ उत्तरीय का जवाब एक पेज में दिया जा सकता है. यदि आपके पास समय नहीं हो, तो आप दीर्घ उत्तरीय सवालों के मेन प्वांइट जरूर से लिखें . जवाब पांच से छह पंक्तियों में भी अगर सही-सही दिया गया है तो नंबर मिल जायेंगे. हालांकि मेरा सुझाव होगा कि अभी समय है और इसलिए सभी पाठों को अच्छी तरह से पढ़ लें.3़ 1857 के विद्रोह के कारण क्या थे? शहमद आलम, मुजफ्फरपुर. इसके कारण कई थे. हिंदुस्तानी और ब्रिटिश सैनिकों में बड़ा भेदभाव होता था. बरताव, सैलरी, कार्यस्थल. विद्रोह सुलगता रहा. मंगल पांडेय ने 1857 में विद्रोह शुरू कर दिया. चरबी वाली रायफल को खोलने वाली बात आती है, लेकिन इतिहास इसे स्वीकार नहीं करता. ब्रिटिश इतिहासकारों ने इसे लिखा था इस चाल के तहत कि हिंदू और मुसलमान एक साथ मिल कर नहीं रह सकें. ब्रिटिश इतिहासकार एचजी वेल्स को ही भारत का इतिहास सर्वप्रथम लिखने का श्रेय जाता है, जो कभी भारत में दो धर्मों के लोगों के बीच एकता नहीं चाहते थे. सच्चाई यह है कि वर्ष 1857 से पहले हिंदुस्तान एक स्वतंत्र राष्ट्र था. वर्ष 1858 से 1947 तक भारत में जो कुछ भी हुआ, वह ब्रिटिश पार्लियामेंट की नीतियों के तहत हुआ.4़. दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तरों को कैसे याद करें? जितेंद्र , नवादा़ किताब को क्रमवार और ईयर वार पढ़ें. चैप्टरवाइज मुख्य बातों को लिखना शुरू करें. यदि आपको याद नहीं होता है, तो देख कर लिखें. ऐसा दो-तीन बार करें. फिर धीरे-धीरे बिना देखे लिखना शुरू करें. फिर भी याद नहीं होता है, तो सुबह जल्दी उठें और उन्हें रोजाना पढ़ना शुरू करें. धीरे-धीरे यह आपके दिमाग में बैठ जायेगा. इसके बाद आप लिखना शुरू कर देंगे, तो यह और भी आसान हो जायेगा. यदि लिखने का समय नहीं है, तो केवल पढ़ें.5़ मॉडल पेपर कितना उपयोगी है? मुकेश कुमार,समस्तीपुर . यह जानना जरूरी है कि मॉडल पेपर है क्या? यह तीन खंडों में बंटा है. मॉडल पेपर को पढ़ें, लेकिन केवल उस पर निर्भर नहीं रहे. वह बस आपके समझने के लिए है कि पेपर किस प्रकार के आयेंगे.6़ कथन सही है या गलत, इस प्रकार के सवालों का जवाब किस तरह से दें? मोहिनी कुमारी,भागलपुर. यह ऑब्जेक्टिव सेक्शन का 35 वां प्रश्न है. उसमें उत्तर भी दिया होता है, जिसमें से सही उत्तर सुनना है. यदि आप ठीक से पढ़ेंगे, तो आपको बिल्कुल समस्या नहीं होगी उत्तर देने में. यह ज्यादा बड़ा नहीं होता है. जैसे महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह शुरू किया. डांडी मार्च शुरू किया. असहयोग आंदोलन चलाया. प्रश्न पूछा जाता है कि क्या महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन डांडी मार्च के समय शुरू किया. यदि आपने हां लिखा, तो सही है, नहीं तो उत्तर गलत हो जायेगा.7़ परीक्षा में कुल कितने और कितने अंक के सवाल पूछे जायेंगे? रोहित,समस्तीपुर. इतिहास का सिलेबस तीन भाग में बंटा है. सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर मध्यकालीन और आधुनिक भारत तक पढ़ लें. तीनों से प्रश्न पूछे जायेंगे. एक से 40 नंबर तक कुल 40 सवाल ऑब्जेक्टिव से पूछे जायेंगे. वहीं, दस सवाल तीन -तीन अंक के लघु उत्तरीय से पूछे जायेंगे अौर पांच सवाल छह -छह अंक के दीर्घ उत्तरीय पूछे जायेंगे.8़ तैयारी कैसे करें? कर्ण,गोपालगंजआपके पास जो किताब है, उस किताब को लेकर रोज दो चैप्टर पढ़ना शुरू कर दीजिए. हर चैप्टर की मुख्य बातों को पेंसिल से या कलम से अपनी कॉपी में लिखें.इसमें आपको करीब एक हफ्ता का समय लगेगा. इसके बाद आपने जो लिखा है, उसे पढ़ना शुरू कर दें. आपकी अच्छी तैयारी हो जायेगी.9. कौन-सा चैप्टर महत्वपूर्ण है? सचिन,भागलपुर. छोटी-बड़ी सभी घटनाएं महत्वपूर्ण हैं. प्राचीन भारत में सिंधु घाटी सभ्यता, उत्तर वैदिक काल, जैन धर्म, महावीर और बुद्ध के बारे में अध्ययन महत्वपूर्ण है. इसके बाद चंद्रगुप्त मौर्य काल, मगध का उत्थान, मौर्य काल, गुप्ता काल को भी अच्छी तरह से पढ़ लें. आधुनिक काल में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन व कांग्रेस की भूमिका महत्वपूर्ण है. 10़. इतिहास में अच्छे अंक पाने के लिए क्या करें? सुचिता, समस्तीपुर. इसके लिए सिलेबस के सभी चैप्टर को पढ़ लें. सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर 1950 तक का इतिहास पढ़ें. सिंधु घाटी के बाद वैदिक काल कैसे आया? विभिन्न कालों की मुख्य बातों को पढ़ें और उन्हें लिखें भी. हर चैप्टर के बारे में संक्षेप में लिखने की कोशिश करें. लिखने से आपकी तैयारी अच्छे से हो जायेगी.11. दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का उत्तर कैसे दें? निखिल कुमार,सीतामढ़ी.दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का उत्तर या तो प्वाइंट वन, टू, थ्री देकर लिखें या फिर पाराग्राफ बदल कर लिखने की कोशिश करें. उदाहरण के लिए सविनय अवज्ञा आंदोलन. इस पर कई किताबें लिखी जा चुकी हैं, लेकिन आपको केवल महत्वपूर्ण बातों के बारे में लिखना है. जैसे, यह क्यों हुआ? इसका मतलब क्या होता है? इसके उद्देश्य क्या थे? केवल मुख्य बातों को लिखें. इतिहास तथ्यों पर आधारित है. तर्कपूर्ण उत्तर दें. एक ही पेज में दें.12़. सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में पढ़ना क्यों जरूरी है? अभय राज ,बेगुसराय सिंधु घाटी की सभ्यता का अध्ययन बड़ा ही महत्वपूर्ण है. वह बड़ी ही उत्कृष्ट सभ्यता थी. इसकी वजह यह थी कि यहां रहनेवाले लोगों का रहन-सहन बड़ा ही उच्च दर्जे का और व्यवस्थित था. आर्यों ने जो सभ्यता की शुरुआत की थी, वह आज तक चल रही है. हिंदुस्तानी संस्कृति का मूल स्वरूप आज भी बना हुआ है. हम आज भी झुंड में या गु्रप में ही रहना पसंद करते हैं. 13. कौन सा मॉडल पेपर पढ़ें? अरुण कुमार, पटना.मॉडल पेपर क्यों पढ़ना चाहते हैं? इससे आप केवल सेलेक्टिव हो जायेंगे. अभी तो अच्छा समय है. इसलिए बेहतर होगा कि आप पूरी किताब पढ़ने की कोशिश करें. सिलेबस बड़ी ही रुचिकर है. इसे इंज्वाय करना शुरू कर दें, तो पढ़ाई भी आपकी अच्छे से हो जायेगी. हो सकता है जो पिछली बार आया, वह प्रश्न इस बार नहीं आये. तथ्यों के बारे में पढ़ें, जहां इतिहास खुद को मोड़ लेता है. उदाहरण के लिए भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास में कांग्रेस की स्थापना महत्वपूर्ण मानी जाती है. गांधी का योगदान भी बड़ा ही महत्वपूर्ण रहा है. जब तक आप पूरा नहीं पढ़ेंगे, तब तक कैसे यह निर्णय कर पायेंगे कि कौन महत्वपूर्ण है और कौन नहीं.14़ क्या अच्छी हैंडराइटिंग पर मार्क्स मिलते हैं? सुभाष, सुपौलबिल्कुल अच्छी हैंडराइटिंग पर अच्छे नंबर मिलते हैं. यदि अाप परीक्षा में साफ-साफ और शुद्ध-शुद्ध लिखते हैं, तो अाठ नंबर के सवाल में आठ नंबर भी मिल जाते हैं. इस लिए परीक्षा में उतर साफ-साफ शब्दों और सही नंबरिंग देकर ही दें.इसे भी जानें100 अंक की परीक्षा होगीभारतीय इतिहास से सवाल पूछे जायेंगे.तीन सेक्शन में सवाल पूछे जायेंगे.सेक्शन -ए में 40 अंक के वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जायेंगे.सेक्शन-बी से 30 अंक के लघु उत्तरीय 10 सवाल तीन -तीन नंबर के पूछे जायेंगेसेक्शन-सी 30 अंक के दीर्घ उत्तरीय 5 सवाल छह-छह नंबर के पूछे जायेंगे.ये हैं सिलेबस के महत्वपूर्ण टॉपिक प्राचीन इतिहास, मध्य काल का इतिहास व आधुनिक इतिहास को पढ़ेंसिंधु घाटी सभ्यता, वैदिक सभ्यता,बौद्ध व जैन धर्म, सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन आदि महत्वपूर्ण टॉपिकों को अच्छे से पढ़ लें.

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