शराब बंदी पहले होती, तो नहीं उजड़ता सुहागफोटो नं-26मीरगंज. सरकार ने काश शराब बंदी पहले की होती, तो शायद आज मेरा सुहाग नहीं उजड़ता. पति के गुजरने के बाद प्रशासन तथा लोगों ने हमदर्दी तो खूब दिखायी, पर मिला कुछ नहीं. आज मै गंभीर बीमारी से जूझ रही हूं. अपने तीनों पुत्रियों के हाथ पीले करने हैं, पर सहारा कुछ नहीं. यह कहना है कि मटिहानी माधो गांव की विधवा आशा देवी का, जिसके पति जय पूजन सोनी जहरीली शराब पीने से जान गवा बैठा. गत चार सितंबर, 2014 को मटिहानी माधो गांव में अवैध शराब पीने से दो युवकों की मौत हो गयी थी. वहीं, एक बच गया. दूसरा मृतक ध्रुप सोनी की पत्नी शीला देवी आज लकवा के शिकार हो कर जीवन और मौत से जूझ रही है. दोनों परिवारों के कमाऊ सदस्यों के मर जाने के बाद पीड़ित परिवार गांव वालों के रहमोकरम पर जी रहा है. आशा देवी ने बताया कि आज मैं गंभीर बीमारी से जूझ रही हूूं. दवा कराने के लिए मुहताज हूं. मेरे बाद बच्चों का क्या होगा. सोच कर रुह कांप उठता है. एक बेटा मुकेश पिता के जाने के बाद किसी तरह रोजी-रोटी की तलाश कर रहा है. प्रशासन ने हमें राहत राशि देने की बात कही थी, पर घटना के बाद सब लोग गायब हो गये. शराब के कहर से दो लोगों के गुजरने के बाद ग्रामीणों में जागरूकता बढ़ी तथा गांव में शराब बिक्री बंद हो गयी. पर, दो लोगों की मौत ने दो परिवारों की रीढ़ तोड़ दी और आज पीड़ित परिवार यह कहने को विवश हैं कि काश यह शराब बंदी का निर्णय सरकार पहले ली होती.
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शराब बंदी पहले होती, तो नहीं उजड़ता सुहाग
शराब बंदी पहले होती, तो नहीं उजड़ता सुहागफोटो नं-26मीरगंज. सरकार ने काश शराब बंदी पहले की होती, तो शायद आज मेरा सुहाग नहीं उजड़ता. पति के गुजरने के बाद प्रशासन तथा लोगों ने हमदर्दी तो खूब दिखायी, पर मिला कुछ नहीं. आज मै गंभीर बीमारी से जूझ रही हूं. अपने तीनों पुत्रियों के हाथ पीले […]
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