* नकली दवा : एक साल में पांच करोड़ का कारोबार
गोपालगंज : वह दवा बाजार की नब्ज के मास्टर हैं. सबसे अधिक बिकनेवाली ब्रांडेड दवा की हू-ब-हू नकल बाजार में उतारते हैं. ऐसा कर पांच करोड़ रुपये सालाना की नकली दवा का कारोबार करते हैं.
औषधि विभाग उन्हें पकड़ने में नाकामयाब है.गोपालगंज नकली दवाओं की सबसे बड़ी मंडी बन चुकी है.फिजीशियन सैंपल की दवाएं यूपी, हरियाणा, मुंबई, अहमदाबाद से आती हैं. दवा माफिया इनको ट्रांसपोर्ट कंपनियों से मंगाते हैं. उसे जिले के बाजार में दवाएं बिक रही हैं. इस पर पूरी नजर रखी जाती है.
असली दवा की साख पर ही नकली दवा का कारोबार टिका है.वाराणसी में हुई माफिया की गिरफ्तारी के बाद सनसनी खेज खुलासा हुआ है.बरामद दवाओं में सबसे अधिक दवाएं बायोटिक, मल्टी विटामिन, एंडी डायरियल, ब्लड प्रेशर, एंटी एलजिर्क और हृदय रोग की हैं.धरती के भगवान डॉक्टर लोगों की कृपा से नकली दवाओं का कारोबार चरम पर पहुंच गया है.
औषधि नियंत्रण विभाग या स्वास्थ्य विभाग ने कभी इस पर लगाम कसने की साहस नहीं जुटा पायी है.दवाओं के अवैध कारोबार से ग्रामीण इलाके पटे हैं. यहां मेडिकल स्टोर वालों को अधिक कमीशन देकर उनसे ब्रांडेड दवाओं के नाम पर नकली दवा को बेचवायी जा रही है.पहले नजर से नकली दवाओं को कोई भी आम इनसान यह देख कर नहीं परख सकता कि यह नकली होगी.पूरी तरह से उसे असली का रूप दिया गया है.
वाराणसी पुलिस के हत्थे चढ़ा गोपालगंज का माफिया कई सनसनी खेज खुलासा किया है, जिसके आधार पर अब टीम गोपालगंज में छापेमारी की योजना बना रही है.
* बाजार में धड़ल्ले से बिकती नकली कृषि दवा
जिले के बाजार में आजकल खाद की दुकानों पर कृषि संबंधित दवा नकली व कंपनी दामों से कही महंगी दामों मे धड़ल्ले से बेची जा रही हैं. जिले के बाजर में कृषि संबंधित दुकानदार दवाओं का नकली कारोबार कर रहे हैं. इन दुकानों पर नकली दवा किसानों को महंगे दामों पर बेची जा चुकी हैं.
सरेआम किसानों के साथ छलावा हो रहा हैं. और कृषि विभाग मूकदर्शक बना हुआ हैं. जिले के बाजार में कृषि विभाग के किसी भी अधिकारी के दर्शन तक नही हो रहे हैं. जिला कृषि अधिकारी सुधीर कुमार बाजपेयी का कहना है. कि जिला कृषि इकाई के कर्मचारी जगह जगह जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं. वैसे अब तक कही भी नकली दवा की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई हैं.