35.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोर्ट से ही अपराधियों ने की थी रेकी, मौका मिलते ही मारी गोली

हथुआ : शार्प शूटर ज्ञानदेव पुरी की हत्या के लिए अपराधियों ने मंगलवार को कोर्ट से ही रेकी करनी शुरू कर दी थी. कोर्ट से निकलने के बाद विधायक के करीबी रहे अनिल तिवारी के श्राद्धकर्म में हथुआ में सुहागपुर के पंडितपरा गांव पहुंचा था. यहां से निकलते ही अपाची पर सवार पांच अपराधियों ने […]

हथुआ : शार्प शूटर ज्ञानदेव पुरी की हत्या के लिए अपराधियों ने मंगलवार को कोर्ट से ही रेकी करनी शुरू कर दी थी. कोर्ट से निकलने के बाद विधायक के करीबी रहे अनिल तिवारी के श्राद्धकर्म में हथुआ में सुहागपुर के पंडितपरा गांव पहुंचा था. यहां से निकलते ही अपाची पर सवार पांच अपराधियों ने ओवरटेक शुरू कर दिया. वारदात के चश्मदीद ज्ञानदेव के चालक मुश्ताल आलम ने पुलिस को बताया कि पांच अपराधियों ने गाड़ी को ओवरटेक कर चारों तरफ से घेर लिया. तीन अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी.
फायरिंग के दौरान ज्ञानदेव पुरी कार से बाहर निकलकर भागने लगे, इसी दौरान दौड़ाकर अपराधियों ने सिर में गोली मार दी. ज्ञानदेव पुरी की मौत हो जाने को लेकर आश्वस्त होने के बाद अपराधी फरार हुए. फिलहाल हत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है. पुलिस सदर अस्पताल में ज्ञानदेव के चालक से पूछताछ कर बयान को दर्ज करने में जुटी हुई थी. उधर, हथुआ, मीरगंज, फुलवरिया, व सीवान जिले की पुलिस इलाके में वाहनों की जांच शुरू करते हुए अपराधियों की तलाश में छापेमारी करने में जुटी हुई है.
ज्ञानदेव पुरी पर दर्ज मामले
2006 में हथुआ थाने में आर्म्स एक्ट का केस
2007 में मीरगंज थाने में लूटपाट करने का केस
2009 में भोरे में एके-47 व पुलिस से मुठभेड़ का केस
1985 में सीवान के दुरौंधा थाने में आपराधिक केस
1986 में सीवान के जामो थाने में आर्म्स एक्ट का केस
1987 में मीरगंज थाने में लूटपाट का आपराधिक केस
1999 में सीवान के मुफस्सिल थाने में आपराधिक केस
1999 में मांझा थाने में लूट व गोलीबारी का केस
अन्य कितने मामले दर्ज है, पुलिस जांच कर रही है
पहली बार 2009 में पकड़ा गया था ज्ञानदेव पुरी
भोरे : मंगलवार को मारा गया कुख्यात अपराधी ज्ञानदेव पुरी पहली बार पुलिस की गिरफ्त में वर्ष 2009 में आया था. भोरे के खलवा गांव में पुलिस मुठभेड़ के दौरान ज्ञानदेव पुरी को एके-47 के साथ गिरफ्तार किया गया था. भोरे के तत्कालीन थानाध्यक्ष आरके सिंह की टीम ने जब छापेमारी की थी, तो दोनों तरफ से गोलियां चली थी.
इसके बाद पुलिस ने अपराधियों पर काबू पा लिया था और ज्ञानदेव पूरी को एके-47 के साथ गिरफ्तार किया गया था. पुलिस की पूछताछ में यह खुलासा हुआ था कि ज्ञानदेव पूरी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए पहुंचा था. जेल से छूटने के बाद ज्ञानदेव पुरी का नाम अपराध जगत से लगभग मिट गया था.
प्रोपर्टी डीलर का शुरू किया था काम : ज्ञानदेव पुरी अपराध की दुनिया को छोड़कर पिछले कुछ सालों से प्रोपर्टी डीलर का काम कर रहा था. वह प्लॉट खरीद बिक्री का काम करता था. सीवान व गोपालगंज में उसके साथ कई और लोग इस कारोबार से जुड़े हुए थे, जिसकी जांच पुलिस कर रही है. पुलिस के मुताबिक हाल के दिनों में उसपर मामले दर्ज नहीं है. पूर्व के कई आपराधिक मामले हैं, जिनमें चार्जशीट हो चुकी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें