गया. पूरी दुनिया के लोग जलवायु परिवर्तन के प्रकोपों से चिंतित हैं. आखिर इससे कैसे निबटा जाये. पर्यावरण को संरक्षित करने की जिम्मेदारी सिर्फ विभाग की नहीं, बल्कि आमजनों की भी है. जब तक लोगों की जनभागीदारी नहीं होगी, हरित क्षेत्र बढ़ाना संभव नहीं है. फिर भी बिहार ने जो बदलाव किये हैं. पूरे देश में किसी सरकार ने ऐसा बदलाव नहीं किया है. ये बातें वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ सुनील कुमार ने कही. मंत्री बुधवार को गया वन प्रमंडल में चल रहे विकास कार्यों का स्थल निरीक्षण व समीक्षा बैठक करने गया पहुंचे थे. बताया कि कुछ वर्ष पूर्व केंद्र सरकार ने देश में राज्यों का वन से संबंधित समीक्षा की थी. उसमें बिहार में वन क्षेत्र लगभग सात प्रतिशत था. अभी बिहार का वन क्षेत्र है 12.55 प्रतिशत और हरित क्षेत्र 2:5 प्रतिशत है. मतलब टोटल हरित क्षेत्र 15.05 प्रतिशत है. 2028 तक हम इस हरित क्षेत्र को 17 प्रतिशत करेंगे.
लोगों से हर रविवार पर्यावरण के नाम पर काम करने की अपील
मंत्री ले लोगों से आग्रह किया है कि हर रविवार पर्यावरण के नाम करें. पिछले पर्यावरण दिवस को पीएम मोदी ने एक पेड़ मां के नाम स्लाेगन दिया और पूरे देश में करोडों पौधे लगे. हम बिहार के लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि हर रविवार पर्यावरण के नाम एक घंटे दीजिए मां के नाम, पिता के नाम, दोस्तों के नाम पे़ड़ लगाएं. इस तरह पेड़ लगाते जायें. ताकि पर्यावरण को संरक्षित कर सके.कंडी नवादा में जैव विविधता पार्क बनाया जा रहा
मंत्री ने बताया कि वाल्मिकी नगर का टाइगर रिजर्व हो या एक तरफ कैमूर की बात करें मदार की पहाड़ी, रोहतास का तुतलाभवानी हो, चाहे रोहतास का गुप्ता धाम हो हमलोग सभी जगह काम कर रहे हैं. बक्सर में विश्वामित्र पार्क बना रहे हैं. बोधगया के सिलौंज पार्क में सेवेन वंडर ऑफ द वर्ल्ड बन रहा है. गया के कंडी नवादा में 20 करोड़ की लागत से जैव विविधता पार्क बना रहे हैं. बराबर पहाड़ पर 50 करोड़ से विकास कार्य किया जा रहा हे. मंदार की पहाडृ पर उत्कृष्ट कार्य करा रहे हैं, जहां इको टूरिज्म हे वहां हम काम कर रहे हें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है