गया. नगर निगम की ओर से शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए जोर-शोर से बदलाव किये जा रहे हैं. इसके बाद भी जमीनी स्तर पर कोई खास बदलाव नहीं दिख रहा है. निगम के अधिकारी सार्वजनिक स्थल पर कचरा फैलाने, नाला-नालियों में शौचालय का पाइप डालने, निर्माण के वेस्टेज फेंकने, शौचालय सफाई के अनाधिकृत वाहन, बिल्डिंग मटेरियल रोड किनारे रखने पर निगम में पहले से ही फाइन वसूलने का प्रावधान है. हालांकि इस पर कड़ाई से कभी भी अमल नहीं किया गया. इस बार शहर में जगह-जगह पोस्टर लगाकर लोगों को सुधार नहीं लाने पर फाइन करने की सूचना निगम से पहुंचायी जा रही है. इसके बाद भी कोई बदलाव लोगों में नहीं दिख रहा है. सार्वजनिक जगहों पर कचरा लोग फेंक रहे हैं व एक हजार से अधिक खटाल से गोबर नालाें में बहाया जा रहा है. शहर में करीब 10 हजार घरों में शौचालय का ढांचा रख कर पाइप नालाें में डाल दिया गया है. पहाड़ी मुहल्लों में घर बनाना मुश्किल होता है ऐसे में शाैचालय की टंकी बनाना बहुत ही कठिन है. इसके अलावा शहर के लगभग मुहल्लों में रोड पर लोग बिल्डिंग मटेरियल को जमा रखते हैं. इसके बाद भी निगम से कम ही जगहों पर कार्रवाई की जाती है.
यह तय हुआ है फाइन
निगम की ओर से सार्वजनिक स्थल पर कचरा-गंदगी फैलाने पर 1000, गोबर फेंकने पर 1000, नाला-नालियों में शौचालय का पाइप डालने पर 5000, कचरा जलाने पर 1000, निर्माण के वेस्टेज फेंकने पर 5000, शौचालय सफाई के अनाधिकृत वाहन पर 5000, बिल्डिंग मटेरियल रोड किनारे रखने पर 5000 का फाइन तय किया गया है.
फाइन वसूलने के लिए बनायी गयी है टीम
लोगों से नियम के विरुद्ध काम के लिए फाइन वसूलने के लिए टीम बनायी गयी है. जल्द ही टीम अपना काम शुरू कर देगी. शहर को साफ रखने में लोगों को भी सहयोग करना चाहिए. लोगों को अपने आदतों में बदलाव लाना होगा.श्यामनंदन प्रसाद, उपनगर आयुक्तडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

