फोटो- गया बोधगया 225- बोधगया के नोड वन स्थित बस पड़ाव पर खड़े पर्यटन वाहन
फोटो- गया बोधगया 226- बस पड़ाव के प्रवेश मार्ग की स्थितिबस पड़ाव पर पेयजल व मुकम्मल लाइट व बेहतर प्रसाधन की भी नहीं है व्यवस्था,विभिन्न राज्यों व देशों से आने वाले श्रद्धालुओं की नजर में खराब हो रही है बोधगया की छविवरीय संवाददाता, बोधगया
अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल बोधगया में नोड वन के पास बना बस पड़ाव में सुविधाओं की घोर किल्लत है. यहां विभिन्न राज्यों से श्रद्धालुओं को लेकर पर्यटन बसें आती-जाती रहती हैं. श्रद्धालु सर्वप्रथम बस पड़ाव पर ही अपना कदम रखते हैं. लंबी यात्रा के बाद वे पेयजल के साथ ही प्रसाधन यथा, शौचालय आदि की जरूरत महसूस होती है. लेकिन, उन्हें यहां निराशा हाथ लगती है. श्रद्धालुओं के होटल व मंदिर भ्रमण के दौरान बस के चालक व सहयोगियों को बस पड़ाव पर ही समय गुजारना पड़ता है. इस दौरान उन्हें पेयजल के साथ ही प्रसाधन की कमी खलती है. एक शौचालय मौजूद है, पर गंदगी के कारण यात्री इसका उपयोग करने से परहेज करते हैं. शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं होने के कारण बोतल बंद पानी खरीद कर पीना पड़ता है. शाम ढलने के बाद लाइट की व्यवस्था चरमरा जाती है व यहां लगे हाई मास्ट भी मुकम्मल प्रकाश नहीं फैला पाती है. बस पड़ाव तक पहुंचने के लिए सड़क की बात करें तो, मुख्य सड़क से नोड वन की तरफ प्रवेश करते ही टूटी-फुटी सड़क व उनमें भी पानी और कीचड़ से सनी होने के कारण बसों से बतरने के बाद यात्रियों को पैदल गुजरना मुश्किल हो जाता है. कुल मिला कर बोधगया में बस पड़ाव की स्थिति दयनीय बनी हुई है और अब जबकि बोधगया का पर्यटन सीजन भी शुरू हो चुका है व दक्षिण भारत के ज्यादातर श्रद्धालु भी बोधगया पहुंचने लगे हैं, तब बस पड़ाव की स्थिति इतनी खराब हालत में होना, बोधगया की व्यवस्था पर सवालिया निशान पैदा करने लगी है. विभिन्न राज्यों से यहां पर्यटन बसों को लेकर पहुंचे चालक व उनके सहयोगियों ने बताया कि बोधगया में बस पड़ाव की हालत इतनी खराब होगी, ऐसे वे नहीं सोचे थे. लेकिन, अब तो उन्हें बस के पास रहना विवशता है व किसी तरह यात्रियों के वापसी तक यहां रात गुजरनी पड़ती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

