गया. अस्पताल में सबसे पहले जरूरी होता है कि इलाज की सुविधा लोगों को आसानी से मिल जाये. एएनएमएमसीएच में देख कर लगने लगा है कि बदलाव के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से जोर-आजमाइश की जा रही है. लेकिन, असहयोग के चलते स्थिति अधिक नहीं बदल पा रही है. पिछले दिनों यहां पर चादर व तकिये के कवर के लिए एक एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी गयी. एजेंसी की ओर से हर दिन चादर व तकिया कवर बदला जाता है. चादर को धुलाई के लिए पटना भेजा जाता है. अस्पताल से सभी वार्डों में हर दिन समय पर चादर-तकिया कवर आदि उपलब्ध कराया जा रहा है. फेब्रिकेटेड वार्ड में 100 बेड आपदा विपदा के लिए ही रखे जाते हैं. यहां पर फिलहाल हीट वेव के लिए वार्ड बनाया गया है. यहां अब तक एक भी मरीज नहीं है. इसके बाद भी हर दिन चादर व तकिया कवर को बदला जा रहा है. अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, फेब्रिकेटेड वार्ड को इस ढंग से बनाया गया है कि यहां पर धूल आदि नहीं आती है. मरीज नहीं रहने के बाद भी 15 दिनों से लगातार चादर व तकिया कवर को हर दिन बदलने की जानकारी मिलने पर हर कोई आश्चर्य ही करने लगा. कई डॉक्टरों ने कहा कि इस तरह का काम नहीं होना चाहिए. इस पर अस्पताल प्रशासन को ध्यान देना चाहिए. बिना मरीज के चादर बदलने के बाद धुलाई में पैसा अस्पताल का ही बर्बाद हो रहा है. इधर, अन्य स्टाफ कहते हैं कि आदेश का पालन करते हुए ही यहां का चादर हर दिन बदल रहे हैं.
चादर बदलने का काम मरीज रहने पर ही होगा
बिना मरीज वाले स्पेशल वार्ड में चादर बदलने की सूचना मिली है. मरीज के रहने के बाद ही हर दिन चादर बदला जायेगा. इसके बारे में पता लगाया जा रहा है. व्यवस्था को सुधार लिया जायेगा.डॉ एनके पासवान, उपाधीक्षक, एएनएमएमसीएच
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