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Gaya News : डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों को अलग नहीं समझा जाये

Gaya News : मगध विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग में शुक्रवार को डाउन सिंड्रोम को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया.

बोधगया़ मगध विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग में शुक्रवार को डाउन सिंड्रोम को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ विभाग की प्रमुख प्रो सुनीति सुमन ने किया. कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओं के तौर पर प्रो सुप्रीती सुमन, डॉ प्रगति, डॉ रविंद्र सिंह एवं डॉ हिमालय तिवारी ने अपने विचार व्यक्त किया. कार्यक्रम में विभाग के शोध छात्रों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. इस मौके पर कहा गया कि डाउन सिंड्रोम एक आनुवंशिक विकार है, जो कि क्रोमोसोम-21 में एक अतिरिक्त क्रोमोसोम के जुड़ने की उपस्थिति के कारण होता है. सामान्यतः कोशिकाओं में 46 गुणसूत्र होते हैं, लेकिन डाउन सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति में एक अतिरिक्त गुणसूत्र आने से इनकी संख्या 47 हो जाती है. इस कारण उनमें बौद्धिक विकास और सीखने की क्षमता कम होती है. इससे ग्रसित बच्चों में अक्सर देर से विकास और व्यवहार संबंधी समस्याएं होती हैं. विश्व में अनुमानित 1000 में एक बच्चा डाउन सिंड्रोम के साथ पैदा होता है. 21 मार्च के दिन दुनिया भर में डाउन सिंड्रोम को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. इन कार्यक्रमों का मकसद है कि इससे पीड़ित लोगों को सामाजिक पहलुओं के आधार पर जिंदगी बसर करने के बराबर के मौके दिए जाएं. खासतौर पर नकारात्मक सोच, भेदभाव, बहिष्कार और अपेक्षाओं की वजह से डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों को अलग नहीं समझा जाये. कार्यक्रम का संचालन डॉ रविंद्र सिंह व डॉ प्रगति तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो सुप्रीती सुमन द्वारा किया गया.

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