शेरघाटी. शेरघाटी शहर के इंदिरा नगर मुहल्ला के रहने वाले महादलित परिवारों के सैकड़ों महिला, पुरुष व बच्चों ने शनिवार को नगर पर्षद कार्यालय के समक्ष बुलडोजर कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना दिया और गरीबों के घरों को तोड़े जाने पर नाराजगी जतायी. प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि इंदिरा नगर में वे लोग वर्षों से रह रहे हैं और जिस स्थान पर उनका आशियाना है. वहां अतिक्रमण का कोई मामला नहीं बनता. प्रदर्शनकारियों ने बुलडोजर कार्रवाई बंद करो और गरीबों को पांच डिसमिल जमीन का पर्चा दो जैसे नारे बुलंद किये. धरना स्थल पर मौजूद गर्भवती महिला कुसुम कुमारी ने कहा कि यदि नदी किनारे बनी उनकी झोंपड़ी तोड़ दी जाती है, तो कड़ाके की ठंड में छोटे-छोटे बच्चों के साथ वे कहां जायेंगी. उन्होंने प्रशासन से मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की अपील की. वहीं सरिता कुमारी, समा कुमारी, चिंता कुमारी, रीना कुमारी, निभा कुमारी, श्रुति कुमारी व सरिता देवी ने कहा कि मजबूरी में वे नदी किनारे रहने को विवश हैं, यदि उनके पास जमीन होती, तो वे वहां कभी नहीं रहतीं. प्रदर्शन को संबोधित करते हुए भाकपा माले के प्रखंड सचिव लखन प्रसाद, बुजुर्ग चंद्रिका मांझी, बाबू मांझी, संतोष मांझी, बिगन पाल व यदुनंदन चौधरी ने कहा कि अतिक्रमण हटाने से पहले गरीबों के पुनर्वास की व्यवस्था होनी चाहिए. भाकपा माले के मंडल सचिव राम लखन प्रसाद ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने गरीबों को बेघर करना बंद नहीं किया तो आंदोलन और तेज किया जायेगा. इधर, कांग्रेस नेता अजीत कुमार सिंह ने बताया कि दलित परिवार के नदी किनारे झुगी झोंपड़ी हाटाये जाने को लेकर एक शिष्टमंडल ने एसडीओ मनीष कुमार से मिलकर बातचीत किया. हम लोगों ने मांग रखा कि ठंडा भर नदी किनारे रह रहे गरीब लोगों की झुगी झोंपड़ी नहीं हटाया जाये और उनके रहने के लिए सरकार के घोषणा के अनुरूप उन्हें पांच डिसमिल जमीन का पर्चा दिया जाये. ताकि, वे लोग ठीक रह सकें. उन्होंने शिष्टमंडल को आश्वस्त किया कि ठंड भर उन्हें नहीं हटाया जायेगा. इसके लिए वरीय अधिकारियों से बातचीत की जायेगी.
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