अक्षय तृतीया : 15 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे विष्णुपद मंदिर
संवाददाता, गया.
अक्षय तृतीया पर बुधवार को विष्णुपद मंदिर में पूरे दिन आस्था का मेला लगा रहा. पूजा-अर्चना के निमित्त सुबह से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जो शुरू हुआ, वह देर रात तक जारी रहा. अक्षय तृतीया पर 15 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने विष्णुपद मंदिर में भगवान श्री विष्णु चरण व अन्य देवी-देवताओं की पूजा कर अपने व परिवार के लिए सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना की. पूजा-अर्चना के बाद अधिकतर श्रद्धालुओं ने घड़ा, सुराही, अनाज, फल, पंखा, मिठाई सहित कई अन्य सामान ब्राह्मणों को दान किया. फल्गु नदी में पानी नहीं रहने से अधिकतर श्रद्धालु अपने घरों से स्नान कर विष्णुपद मंदिर पहुंचे. यहां आकर माला फूल, तुलसी पत्र, जल अन्य पूजन सामग्री व प्रसाद से भगवान श्रीविष्णु चरण व मंदिर में स्थित अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर ब्राह्मणों को दान किया. वहीं, काफी श्रद्धालुओं ने निर्जला उपवास कर अक्षय तृतीया का व्रत भी रखा.आठ करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार
सोने-चांदी के दामों में प्रतिदिन उतार चढ़ाव होने के बावजूद अक्षय तृतीया पर इस बार करीब आठ करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है. धार्मिक व पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया पर सोने-चांदी की खरीदारी शुभ मना जाता है. इस परंपरा का निर्वहन करते हुए काफी श्रद्धालुओं ने अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार अक्षय तृतीया पर सोने-चांदी से बने आभूषणों की खरीदारी की. जैनम आर्नामेंट के स्थानीय प्रोपराइटर अमित जैन ने बताया कि अक्षय तृतीया पर सोने-चांदी का कारोबार काफी अच्छा रहा. अधिकतर लोगों ने सिकड़ी, अंगूठी, कान की बाली, सोने व चांदी के सिक्के की खरीदारी की. उन्होंने बताया कि पूरे शहर में अक्षय तृतीया पर करीब आठ करोड़ रुपये के सोने-चांदी से बने आभूषणों का कारोबार हुआ है.श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध
श्रीविष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभू लाल विट्ठल ने बताया कि अक्षय तृतीया पर विष्णुपद मंदिर में पूजा-अर्चना के निमित्त आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए पानी, सफाई, रोशनी समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की गयी थी. धूप व गर्मी से राहत के लिए पूरे मंदिर परिसर में जगह-जगह कारपेट भी बिछाया गया था.भगवान श्रीविष्णु कर विशेष शृंगार
अक्षय तृतीया पर श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति चौदह संइया गयापाल समाज की ओर से लक्ष्मी नारायण अन्न क्षेत्र के 13वें स्थापना दिवस पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना कर देश की प्रगति व खुशहाली की कामना की गयी. गया पाल ब्राह्मणों ने पूरे वैदिक मंत्रोच्चारण व विष्णु सहस्त्रनाम के साथ विधिपूर्वक भगवान विष्णु पर पुष्प, तुलसी पत्र, चंदन, सुगंधित द्रव्य, मधु, मिष्ठान अर्पित कर दुग्धाभिषेक किया. इसके बाद पुष्प और तुलसी पत्रों से भगवान का विशेष शृंगार हुआ. भगवान विष्णु को अन्न क्षेत्र के प्रसाद का भोग लगाकर श्रद्धालुओं के बीच वितरण किया गया. श्री विट्ठल ने बताया कि वैशाख शुक्ल अक्षय तृतीया का हिंदू धर्म संस्कृति में विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम का अवतरण हुआ था. मंदिर में लक्ष्मी नारायण और क्षेत्र की शुरुआत 2013 में की गयी थी, जो आज तक निरंतर सफलतापूर्वक चल रही है. विष्णुपद में अक्षय तृतीया पर विष्णु चरण के दर्शन-पूजन करने के लिए श्रद्धालुओं की अपार भीड़ देखी गयी. मंदिर में दान-पुण्य, हवन-पूजन का सिलसिला सुबह से लेकर रात तक चलता रहा. ब्राह्मणों को पंखा, घड़ा, सुराही मौसमी फल का दान दिया गया. इस अवसर पर सचिव गजाधर लाल पाठक, कोषाध्यक्ष सुनील लाल हल, मणिलाल बारिक, मुन्ना लाल महतो सहित समिति से जुड़े कई अन्य मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है