गया. अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन ऐपवा के तत्वावधान में गांधी मंडप में माइक्रोफाइनेंस व जीविका से जुड़ी महिला समूहों के नेतृत्वकारी की बैठक हुई. बैठक में उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए ऐपवा महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन महिलाएं कर्ज के बोझ से मानसिक प्रताड़ना की शिकार होती हैं. इसलिए जीविका समूहों और अन्य सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को रोजगार की गारंटी सरकार दे. एपवा इन मुद्दे को लेकर गांव-गांव में अभियान चलाकर अप्रैल महीने में प्रखंड कार्यालयों पर प्रदर्शन करेगी. इसके पहले महिलाओं की दुर्दशा का सर्वे भी किया जायेगा. जिला सचिव रीता बरनवाल ने कहा कि बिहार में महिलाओं को सम्मानजनक मजदूरी यहां तक कि न्यूनतम मजदूरी भी नही मिलती है. वंदना प्रभा ने कहा कि माइक्रोफाइनेंस की महिलाओं की हालत ज्यादा खराब है़. एक महिला कई समूहों से कर्ज लेती है और ऊंची सूद देकर किस्त भरना पड़ता है. बिहार राज्य रसोइया संघ की जिलाध्यक्ष विभा भारती, प्रतिमा देवी, रीता देवी, शारदा देवी, पारो देवी, बरती चौधरी, भुना देवी, सुग्गी देवी ने भी बैठक को संबोधित किया.
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