गुरुआ. आस्था व सूर्य उपासना के महापर्व चैती छठ पूजा की शुरुआत मंगलवार को नहाय-खाय के साथ हो गयी. गुरुआ प्रखंड के सूर्यमंदिर तालाब (सूर्यकुंड) भुरहा, बैजूधाम के अलावा छठ घाट मोरहर नदी में व्रतियों ने स्नान कर विधिवत पूजा-अर्चना की. सुबह से ही छठ घाटों पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. व्रतियों ने स्नान कर कद्दू-अरवा चावल से बने प्रसाद काे ग्रहण किया. इससे छठ महापर्व का शुभारंभ हुआ. श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है और पूरे क्षेत्र में भक्तिभाव का माहौल बन गया है. स्थानीय प्रशासन एवं स्थानीय कमेटी के द्वारा घाटों पर विशेष साफ-सफाई और सुरक्षा के इंतजाम किये गये हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जल निकासी, रोशनी व चिकित्सा सहायता जैसी सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है. चैती छठ में व्रती चार दिन तक कठोर उपवास रखकर सूर्यदेव की उपासना करेंगे. अगला महत्वपूर्ण अनुष्ठान खरना होगा, जिसमें व्रती गुड़-चावल की खीर और रोटी का प्रसाद ग्रहण करते हैं. इसके बाद डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा निभायी जाती है. छठ पर्व को लेकर गुरुआ और आसपास के इलाकों में भक्तिमय माहौल बना हुआ है. श्रद्धालु पूरे उत्साह के साथ इस पर्व को मनाने में जुटे है.
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