गया जी. नगर निगम के वाहन चालकों द्वारा वेतन वृद्धि की मांग को लेकर अचानक कार्य बहिष्कार किये जाने से गुरुवार को शहर के विभिन्न वार्डों में कचरा नहीं उठाया जा सका, जिससे कई इलाकों में गंदगी फैल गयी. चालकों ने सुबह से ही काम बंद कर हड़ताल शुरू कर दी और कहा कि जब तक वेतन वृद्धि नहीं होती, तब तक काम पर वापस नहीं लौटेंगे. चालकों का कहना है कि निगम के कई कर्मचारियों का वेतन ₹21 प्रतिदिन बढ़ाया गया है, लेकिन जल पर्षद के कर्मचारियों और चालकों को इस बढ़ोतरी से वंचित रखा गया है. बार-बार आश्वासन के बावजूद उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी, जिससे वे निराश और आक्रोशित हैं. आश्वासन से अब काम नहीं चलेगा हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने बताया कि प्रशासन सिर्फ आदेश निकालता है और सुविधाओं पर केवल आश्वासन देकर चुप बैठ जाता है. जब तक हमारी मांगों पर अमल नहीं होगा, हम काम पर नहीं लौटेंगे. कर्मचारियों का आरोप है कि निगम प्रबंधन की लापरवाही की वजह से बार-बार उन्हें हड़ताल का सहारा लेना पड़ता है, जिससे न केवल उनकी परेशानी बढ़ती है, बल्कि आम जनता को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. प्रशासन हरकत में, वार्ता से बनी सहमति हड़ताल की सूचना मिलते ही स्टेशन स्थित स्टोर पर उप नगर आयुक्त श्यामनंदन प्रसाद और सहायक स्वच्छता पदाधिकारी मोनू कुमार पहुंचे. दोनों अधिकारियों ने यूनियन नेताओं से वार्ता कर स्थिति को संभालने का प्रयास किया. बाद में नगर आयुक्त कुमार अनुराग भी स्टोर पर पहुंचे और उन्होंने आश्वासन दिया कि अगली बोर्ड बैठक में वेतन वृद्धि का प्रस्ताव पारित कर लागू किया जायेगा. इस आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने शुक्रवार से कार्य पर लौटने की सहमति जतायी. इस मौके पर बिहार लोकल बॉडीज एम्प्लाइज फेडरेशन के महामंत्री अमृत प्रसाद, यूनियन नेता सत्येंद्र प्रसाद सुमन, शिव वचन शर्मा और कुमार जितेंद्र सहित कई अन्य कर्मचारी प्रतिनिधि उपस्थित थे.
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