बोधगया.
सीयूएसबी के पर्यावरण विज्ञान विभाग (इवीएस) की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ एनएल देवी के मार्गदर्शन में पीएचडी कर रहीं शोध छात्रा आकृति अशेष ने तुर्की के अंताल्या में हैलोजनयुक्त स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों (डाइऑक्सिन 2025) विषय पर आयोजित 45वें अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रतिष्ठित ओटो हटजिंगर छात्र पुरस्कार जीता है. सीयूएसबी के कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह, कुलसचिव प्रो नरेंद्र कुमार राणा, इवीएस विभाग के अध्यक्ष प्रो राजेश कुमार रंजन, एसइबीइएस के डीन प्रो रिजवानुल हक सहित विभाग के सभी संकाय सदस्यों ने अशेष को इस उपलब्धि पर बधाई दी. कुलपति ने कहा कि आकृति अशेष ने विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलायी है जो काफी सराहनीय है. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि अशेष ने लिंडेन दबाव में टमाटर (सोलनम लाइकोपर्सिकम) में एंटीऑक्सीडेंट प्रोफाइलिंग : दूषित मिट्टी में प्याज बायोचार की अवशोषण क्षमता शीर्षक पर अपना पोस्टर प्रस्तुत किया. उनका शोध लिंडेन विषाक्तता को कम करने व पौधों में एंटीऑक्सीडेंट प्रतिक्रिया को बढ़ाने के लिए प्याज के छिलके से प्राप्त बायोचार के उपयोग की पड़ताल करता है, जिससे स्थायी मृदा उपचार पद्धतियों में योगदान मिलता है. अशेष को उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता और शोध योगदान के सम्मान में संगोष्ठी आयोजकों द्वारा पूर्ण आवास और पंजीकरण सहायता भी प्रदान की गयी. डायोक्सिन संगोष्ठी एक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त वैज्ञानिक कार्यक्रम में 45 देशों के 308 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिन्होंने संदूषण, निगरानी और उपचार को कवर करते हुए स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों (पीओपी) पर अपने नवीनतम शोध साझा किये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

