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सीयूएसबी को देश के 200 सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में मिली जगह

एनआइआरएफ 2025

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सीयूएसबी को देश के 151-200 रैंकिंग वाले संस्थानों में मिली जगह

लॉ विभाग को एआइआर में 23 रैंक, फार्मेसी विभाग को मिला 63वां रैंक वरीय संवाददाता, बोधगया. 2009 में अपनी स्थापना के बाद से लगातार शैक्षणिक उत्कृष्टता के पथ पर अग्रसर बिहार में एकमात्र नैक ए प्लस प्लस मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) को राष्ट्रीय स्तर पर एक और उपलब्धि हासिल हुई है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) 2025 में सीयूएसबी को देश के सर्वश्रेष्ठ 151 से 200 रैंकिंग के संस्थानों में जगह मिली है. साथ ही सीयूएसबी के लॉ एंड गवर्नेंस विभाग को ऑल इंडिया रैंकिंग (एआइआर) में 23वां रैंक, जबकि फार्मेसी विभाग को एआइआर में 63वां रैंक प्राप्त हुआ है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से रैंकिंग जारी होने के पश्चात सीयूएसबी के कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह को विश्वविद्यालय की रैंकिंग की जानकारी प्राप्त हुई. एनआइआरएफ रैंकिंग में सीयूएसबी की रैंकिंग की सूचना मिलते ही पूरे विश्वविद्यालय परिवार में खुशी की लहर दौड़ गयी है. कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह और कुलसचिव प्रो नरेंद्र कुमार राणा के साथ सबने एक-दूसरे को बधाई दी.

कुलपति ने बताया-सीयूएसबी परिवार के सामूहिक प्रयासों का प्रतिफल

कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले वर्ष विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सीयूएसबी को कैटेगरी (श्रेणी) वन यूनिवर्सिटी का दर्जा प्रदान किया था. इससे सबका मनोबल काफी बढ़ाया था. सीयूएसबी परिवार के प्राध्यापकों, शोधार्थियों, छात्रों, अधिकारियों व कर्मयोगियों के निरंतर परिश्रम के फलस्वरूप सीयूएसबी को एनआइआरएफ 2025 रैंकिंग में स्थान प्राप्त हुआ है. सीयूएसबी के लॉ (विधि) एवं फार्मेसी विभागों ने भी रैंकिंग में देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में जगह बनायी है, जो काफी उत्साह और प्रशंसा का विषय है. कुलपति ने एनआइआरएफ रैंकिंग में मिली उपलब्धि को सीयूएसबी परिवार के सामूहिक प्रयासों का प्रतिफल बताते हुए इसे सामूहिक संकल्प से विशिष्ट उपलब्धि का बेमिसाल उदहारण बताया है. सीयूएसबी का ध्यय ”कैंपस फॉर कम्युनिटी” है और सीयूएसबी क्षैतिज विकास में विश्वास रखता है.

मगध क्षेत्र की आवश्यकताओं व आकांक्षाओं को ध्यान में रख रोजगारपरक शुरू किये गये

पाठ्यक्रम

कुलपति ने कहा कि सीयूएसबी ने मगध क्षेत्र की आवश्यकताओं व आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर कौशल विकास को निखारने वाले रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू किये हैं. इसके परिणाम काफी अच्छे आ रहे हैं. सीयूएसबी ने विकसित भारत की परिकल्पना के साथ अपना लक्ष्य निर्धारित किया है और अगर हम इसी तरह गुणवत्तापूर्ण पठन-पाठन के साथ आगे बढ़ते रहें, तो आने वाले समय में ज्यादा बेहतर रैंकिंग के साथ देश के टॉप संस्थानों में अपनी जगह निश्चित तौर पर बना लेंगे. उन्होंने विश्वविद्यालय परिवार से आह्वान करते हुए कहा कि हमें और संकल्पित एवं ऊर्जान्वित होते हुए शिक्षा व अनुसंधान के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में प्रभावी भूमिका का निर्वहन करते रहना है.

वैश्विक रैकिंग में स्थान बनायेगा सीयूएएसबी

कुलपति ने यह आशा व्यक्त की है कि विश्वविद्यालय सामूहिक प्रयास से न केवल नालंदा और विक्रमशिला के प्राचीन गौरव को पुनर्स्थापित करने में कामयाब होगा, बल्कि वैश्विक रैंकिंग में भी अपना स्थान बनायेगा. जनसंपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि एनआइआरएफ के लिए देश के संस्थानों के साथ सीयूएसबी का मूल्यांकन पांच प्रमुख पैरामीटर्स पर किया गया.

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