गया. गर्मी शुरू होने के शहर में लो वोल्टेज के साथ-साथ पावर कट की समस्या भी तेजी से बढ़ने लगी है. पावर कट की समस्या बढ़ने से पिछले एक पखवारे से शहर के लोग हलकान हो रहे हैं. दिन में कई बार पावर कट होने से जहां लोगों को गुजर-बसर करने में परेशानी होती है. वहीं, तापमान बढ़ने से लोगों का जीना मुहाल हो रहा है. चंदौती पावर ग्रिड की कार्यपालक अभियंता सह ग्रिड प्रभारी रिंकी गौतम ने बताया कि खपत की तुलना में बिजली पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ-साथ बिजली खपत भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जाती है. उन्होंने बताया कि मार्च महीने में औसतन प्रतिदिन 66 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है. हालांकि, उन्होंने कहा कि खपत की तुलना में ग्रिड के पास पर्याप्त बिजली उपलब्ध है. लेकिन, बिजली चालित एसी, कूलर व पंखे का लोड बढ़ने से क्षेत्रीय स्तर पर स्थित फीडरों में तकनीकी खराबी हो जाती है. इसके कारण पावर कट की समस्या कभी-कभी हो सकता है. उन्होंने कहा कि सूचना मिलने पर साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा तुरंत ठीक कराया जाता है. उन्होंने कहा कि मेजर फॉल्ट होने पर कभी-कभी उसे ठीक करने में कुछ समय लग जाता है. जाड़े के मौसम में (फरवरी में) गया शहरी क्षेत्र में औसतन प्रतिदिन 50 मेगावाट बिजली की खपत हो रही थी. उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, बिजली की खपत भी बढ़ना तय है. उन्होंने कहा कि खपत की तुलना में ग्रिड के पास करीब 10 मेगावाट तक हर समय अतिरिक्त बिजली उपलब्ध रहता है. बकाया वसूली को लेकर लाइन काटने के दौरान किया जाता है पावर कट साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के शहरी क्षेत्र के कार्यपालक अभियंता प्रेम कुमार प्रवीण ने कहा मार्च महीना क्लोजिंग मंथ होता है. बकाया वसूली को लेकर बकायेदारों के लाइन काटने के समय कुछ देर के लिए पावर कट किया जाता है. लाइन कट जाने के बाद पुनः पावर बहाल कर दिया जाता है. अलग-अलग क्षेत्र में 31 मार्च तक यह स्थिति बन सकती है. उन्होंने बताया कि ऊपर के पदाधिकारी का दबाव रहने के कारण बकाया वसूली पर मार्च महीने में विशेष ध्यान दिया जाता है, ताकि अधिक से अधिक राजस्व की प्राप्ति की जा सके.
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